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Bihar School Reopen Guidelines HIGHLIGHTS: नौवीं से 12वीं कक्षा तक के एक तिहाई विद्यार्थी ही अाएंगे स्‍कूल, जारी हुई विस्‍तृत गाइडलाइन

Bihar School Reopen 28 सितंबर से खुलेंगे स्कूल। विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता शारीरिक दूरी का पालन अनिवार्य। निगरानी का जिम्मा डीएम एवं डीईओ को। हॉस्टल और कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं खुलेंगे । जानिए बच्‍चों को स्‍कूल भेजने के विस्‍तृत गाइडलाइन।

By Sumita JaswalEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 10:29 PM (IST)
Bihar School Reopen Guidelines  HIGHLIGHTS: नौवीं से 12वीं कक्षा तक के एक तिहाई विद्यार्थी ही अाएंगे स्‍कूल, जारी हुई  विस्‍तृत गाइडलाइन
कोविड-19 के बाद बिहार में स्‍कूलों के खुलने की सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना, राज्‍य ब्यूरो। Bihar School Reopen Guidelines: केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में प्रदेश में 28 सितंबर से नौवीं से बारहवीं तक के स्कूल खुल जाएंगे। सरकारी के साथ निजी क्षेत्र के विद्यालयों में शर्तों के साथ कक्षाओं का संचालन होगा। मगर सभी हॉस्टल  और कोचिंग इंस्टीच्यूट पूर्व की भांति अगले आदेश तक बंद रहेंगे। महत्वपूर्ण यह कि कंटेनमेंट जोन के विद्यार्थी, शिक्षक व कर्मचारी स्कूल नहीं आएंगे। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षाओं के संचालन के लिए कोरोना गाइड-लाइन का अनुपालन करना होगा।  शिक्षा विभाग की ओर से कक्षाओं के संचालन से संबंधित दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया गया। विद्यालय अपने स्तर से विद्यार्थियों और शिक्षकों का शिड्यूल निर्धारित करेंगे। सरकार के दिशा-निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराना और उसकी निगरानी संबंधित जिलाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी के ऊपर रहेगी।

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एक शिक्षक को सप्ताह में तीन दिन ही लेनी हैं कक्षाएं

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि अभिभावकों की निगरानी में ही बच्चे विद्यालय आएंगे। उन्हें मास्क, सैनिटाइजर आदि एहतियात के साथ शारीरिक दूरी का अनुपालन करना है। कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर एक दिन में आधे यानी 50 प्रतिशत शिक्षकों की ही उपस्थिति रहेगी। अंतराल के साथ अगले दिन बाकी 50 प्रतिशत शिक्षक उपस्थित होंगे। यानी एक शिक्षक को सप्ताह में महज तीन दिन ही कक्षाएं लेनी हैं।

एक विद्यार्थी को सप्ताह में दो दिन ही मिलेगा मौका

एक दिन में महज एक तिहाई विद्यार्थी ही स्कूल आएंगे। इस तरह उन्हें सप्ताह में मात्र दो दिन ही कक्षा में शामिल होने का अवसर मिलना है। स्पष्ट है कि कोई विद्यार्थी दो दिन के अंतराल पर कक्षा में शामिल हो पाएगा। जैसे कि किसी विद्यार्थी की उपस्थिति सोमवार की कक्षा में होती है तो उसकी अगली उपस्थिति गुरुवार की कक्षा में होगी। सप्ताह के छह कार्य-दिवसों के दौरान किसी विद्यार्थी के लिए कक्षाओं में उपस्थिति का दिवस-क्रम (सोमवार-गुरुवार, मंगलवार-शुक्रवार, बुधवार-शनिवार) निर्धारित कर दिया है। 

ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन पूर्ववत होता रहेगा

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। क्लासरूम में विद्यार्थियों के बेंच पर बैठक की व्यवस्था में छह फीट की दूरी रखी जाएगी। मॉस्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। वैसे विद्यार्थियों के लिए विद्यालय आने की कोई बाध्यता नहीं है। अभिभावकों की सहमति से वे स्वेच्छया कक्षा में शामिल हो सकते हैं। विद्यालय नहीं आने वाले विद्यार्थियों के हितों का ख्याल रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अभी ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन पहले की तरह होता रहेगा। विद्यालय नहीं आने वालों के साथ कक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थी भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। यह व्यवस्था अगले आदेश तक जारी रहेगी। नौवीं से नीचे की कक्षाओं के लिए अभी ऑनलाइन पढ़ाई का ही व्यवस्था रहेगी।  उन्होंने बताया कि विद्यालय की साफ-सफाई एवं सेनेटाईजेशन आदि पर होने वाले खर्च को विद्यालय में संग्रहित छात्र कोष की राशि या समग्र शिक्षा के तहत प्राप्त कम्पोजिट ग्रांट की राशि से होगी।

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया फैसला

-कंटेनमेंट जोन से बाहर के विद्यालयों में ही कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी को शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु विद्यालय आने की अनुमति

-कंटेनमेंट जोन में निवास करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों व कर्मियों को विद्यालय आने की अनुमति नहीं

-माता-पिता या अभिभावक की लिखित सहमति के बाद ही विद्यालय आएंगे विद्यार्थी

-नौवीं से बारहवीं कक्षा तक में प्रार्थना और खेलकूद नहीं होंगे, स्कूल परिसर में एक स्थान पर भीड़ नहीं होगी

-स्कूलों में शिक्षकों, कर्मियों एवं विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगेगी

-विद्यालय प्रबंधन कक्षा संचालन से पूर्व विद्यालय को सेनेटाईज कराना सुनिश्चित करेंंगे

-विद्यालय के प्रवेश द्वार पर हैंड सेनेटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य

-कोविड-19 के संक्रमण से उत्पन्न होने वाले लक्षण पर तत्काल चिकित्सा सलाह की व्यवस्था जरूरी

-पूर्व में जो विद्यालय कोरेनटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किए गए हों, उन विद्यालयों को सघन रूप में सेनेटाइजेशन कराना अनिवार्य

-विद्यार्थी किताबें, कॉपी, पेन और पानी की बोतल लेकर आएंगे और किसी साथी से शेयर नहीं करेंगे

-जिस विद्यार्थी को सर्दी जुकाम होगा तो उन्हेंं स्कूल आने पर रोक रहेगी

-50 प्रतिशत शिक्षक ही आएंगे स्कूल


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