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    Bihar Result 2025: 'राघोपुर से हार रहे हैं तेजस्वी यादव', NDA नेताओं ने कर दिया बड़ा दावा

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 11:55 PM (IST)

    एनडीए नेताओं ने बिहार चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव के राघोपुर से हारने का दावा किया है, जिसके पीछे उन्होंने क्षेत्र में विकास की कमी और मतदाताओं की नाराजगी जैसे कारण बताए हैं।

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    राजद नेता और महागठबंधन तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अंतिम चरण के बाद मतगणना का दिन करीब आते ही सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। महागठबंधन के चेहरे तेजस्वी यादव के 18 नवंबर को शपथग्रहण वाले हालिया दावों पर एनडीए नेताओं ने तीखा पलटवार किया है।

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    जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी यादव और उनके साथियों की हार तय है। उन्होंने यहां तक दावा किया कि राघोपुर सीट से भी तेजस्वी यादव हार रहे हैं। राजीव रंजन ने कहा, तेजस्वी यादव अब से ही हार का बहाना ढूंढने लगे हैं। जब नतीजे आएं तो वे हार की जिम्मेदारी किसी और पर डाल सकें।

    एनडीए नेताओं का कहना है कि बिहार की जनता ने एनडीए पर भरोसा जताया है। क्योंकि उन्होंने राज्य में वास्तविक विकास किया है, न कि सिर्फ नारों का शोर मचाया।

    भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने एग्जिट पोल्स का हवाला देते हुए दावा किया कि 17 में से 13 समीक्षकों ने भाजपा और एनडीए की सरकार को बहुमत दिया है। रूडी ने कहा, यह इस बात का संकेत है कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। यह चुनाव असल में मोदी बनाम राहुल-तेजस्वी-नीतीश नहीं, बल्कि विकास बनाम भ्रम की लड़ाई था।

    रूडी ने आगे कहा कि बिहार का जातीय समीकरण भी इस बार महागठबंधन के खिलाफ गया है। राजद और इंडी गठबंधन का जातीय गणित इस बार जनता के गणित के सामने टिक नहीं पाया।

    उनके अनुसार, तेजस्वी यादव की बेचैनी इस बात का सबूत है कि उन्हें अब हार की आहट साफ सुनाई दे रही है। एग्जिट पोल्स के मुताबिक एनडीए को 125 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन 110 के आसपास रुक सकता है।

    राघोपुर में सतीश हरा चुके हैं राबड़ी देवी को

    राघोपुर सीट पर एनडीए की ओर से उतरे सतीश यादव कोई नए खिलाड़ी नहीं हैं। साल 2010 में उन्होंने जेडीयू के टिकट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 13,000 वोटों से हराकर सनसनी मचा दी थी। तब सतीश को 64,222 वोट मिले थे, जबकि राबड़ी को सिर्फ 51,216।

    हालांकि, 2015 और 2020 में तेजस्वी ने इस सीट पर वापसी की। 2020 में तेजस्वी ने सतीश को 38,174 वोटों से हराया था। अब सतीश फिर मैदान में हैं और एनडीए का दावा है कि ग्रामीण इलाकों में उनका समर्थन बढ़ा है।

    तेजस्वी का शपथग्रहण का सपना

    तेजस्वी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी कई रैलियों में दावा किया था कि 18 नवंबर को वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 5 नवंबर की एक सभा में उन्होंने कहा था, राघोपुर मेरी कर्मभूमि है। जनता ने मन बना लिया है। 18 तारीख को पटना में शपथ लेंगे, बिहार बदलेगा। लेकिन एनडीए नेताओं ने इसे भ्रम बताया है।

    भाजपा के अजय आलोक ने चुटकी ली, तेजस्वी यादव अब डिल्यूजन की स्थिति में हैं। उन्हें लगता है कि वे 99 सीटें जीत चुके हैं, खुद को मुख्यमंत्री बना चुके हैं। लेकिन हकीकत 14 नवंबर को साफ हो जाएगी। अजय आलोक ने व्यंग्य किया कि तेजस्वी को उस दिन शपथ लेनी चाहिए, न कि मुख्यमंत्री पद की, बल्कि पुरानी गलतियों, भ्रष्टाचार और अवैध कमाई से तौबा की।

    राघोपुर का जातीय गणित

    राघोपुर वैशाली जिले की एक महत्वपूर्ण सीट है, जहां यादव वोटरों की अच्छी-खासी तादाद है। यह सीट लालू परिवार का गढ़ रही है। लालू प्रसाद ने 1995 और 2000 में यहां से जीतकर मुख्यमंत्री बने।

    राबड़ी ने 2005 में प्रतिनिधित्व किया। लेकिन 2010 में सतीश की जीत ने समीकरण बदला। इस बार जन सूरज पार्टी के चंचल कुमार भी मैदान में हैं, जो वोट काट सकते हैं। एनडीए का दावा है कि कुर्मी-यादव बिखराव और महिलाओं का समर्थन उन्हें फायदा दे रहा है।

    राघोपुर चुनाव : एक नजर में

    • 2010: सतीश यादव (जेडीयू) ने 13,000 वोटों से जीत हासिल की।
    • 2015: तेजस्वी यादव (आरजेडी) 22,733 वोटों के मार्जिन से विजेता।
    • 2020: तेजस्वी यादव (आरजेडी) ने 38,174 वोटों से कब्जा बरकरार रखा।
    • 2025: नतीजा 14 नवंबर को, तब तक सस्पेंस बरकरार।