लालटेन के सामने बैठ बोले बीजेपी MLC- नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री, शहाबुद्दीन ने ठीक कहा था
Bihar Politics उन्हें परिस्थितियों का मुख्यमंत्री करार देते हुए पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बयान को कोट किया है। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद जदयू के दूसरे नंबर का दल होते हुए भी नीतीश सीएम बने। इस बार उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर है तब भी वे ही सीएम हैं।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Bihar Politics: बिहार में भारतीय जनता पार्टी के विधान पार्षद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। सिवान जिले से विधान पार्षद टुन्ना पांडेय ने उन्हें परिस्थितियों का मुख्यमंत्री करार देते हुए पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बयान को कोट किया है। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद जदयू के दूसरे नंबर का दल होते हुए भी नीतीश सीएम बने। इस बार उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर है, तब भी वे ही सीएम हैं। एमएलसी ने शहाबुद्दीन की मौत को हत्या करार देते हुए उनकी पत्नी हिना शहाब, बेटे ओसामा शहाब सहित राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बारे में भी कई बातें कहीं।
कहा- भाजपा ने किया था शहाबुद्दीन का सम्मान
टुन्ना पांडेय ने कहा कि भाजपा ने मोहम्मद शहाबुद्दीन को बेस्ट सांसद का सम्मान दिया था। उन्होंने कहा कि जब शहाबुद्दीन पर प्रतापपुर में हमला हुआ तो सुशील मोदी ने भी उनके पक्ष में बयान दिया था। उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन ने केवल एक गलती की कि उन्होंने भागलपुर जेल से निकलने के बाद मुख्यमंत्री के बारे में एक बयान दिया। उनकी रिहाई से केवल दो लोगों को डर था। इसलिए ही उनके लिए ऐसी परिस्थिति पैदा की गई कि वे नहीं रहे।
तेजस्वी के नहीं मिलने पर किया बचाव, मुख्यमंत्री पर उठाए सवाल
एमएलसी ने शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को बिहार लाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने हाल में बिहार के एक शख्स के शव को दूसरे प्रदेश से लाए जाने के लिए सीएम के प्रयास का भी जिक्र किया। हालांकि शहाबुद्दीन के परिवार से तेजस्वी के अब तक नहीं मिलने के सवाल पर वे बचाव करते दिखे। उन्होंने कहा कि लालू परिवार का पूर्व सांसद के परिवार से बेहतर आत्मीय संबंध है। तेजस्वी ने जरूर ही अपने स्तर से हर प्रयास किया होगा। ये बातें उन्होंने राजद के बैनर के सामने बैठकर कहीं।
भाजपा में रहकर भी लालटेन के नजदीक हैं एमएलसी
टुन्ना पांडेय यूं तो भाजपा से निर्वाचित विधान पार्षद हैं, लेकिन वे पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले से लालटेन यानी राजद के नजदीक चले गए हैं। भाजपा से उन्हें बाहर किए या नहीं किए जाने के बारे में कोई पक्की सूचना हमारे पास नहीं है, लेकिन वे अक्सर राजद के झंडे और बैनर के साथ दिख जाते हैं।