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बिहार के कानून मंत्री को लेकर मचे बवाल का बाहुबली अनंत सिंह से क्या है कनेक्शन, राजू बिल्डर, छोटे सरकार और चार करोड़..

Bihar politics महागठबंधन की सरकार में कानून मंत्री की शपथ लेने के दूसरे दिन ही कार्तिकेय सिंह आरोपों और आलोचनाओं के बवंडर में घिर गए। लेकिन ये पूरा मामला क्या है और इस केस से बाहुबली अनंत सिंह क्या संबंध हैं यहां जानिए...

By Rahul KumarEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 11:03 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 11:03 PM (IST)
बिहार के कानून मंत्री को लेकर मचे बवाल का बाहुबली अनंत सिंह से क्या है कनेक्शन, राजू बिल्डर, छोटे सरकार और चार करोड़..
अनंत सिंह और कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह। फाइल फोटो

पटना, जागरण टीम। महागठबंधन की सरकार में शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर ही विधि मंत्री कार्तिकेय कुमार आरोपों और आलोचनाओं के बवंडर में घिर गए। कार्तिकेय को नीतीश कुमार की नई सरकार में राजद कोटे से मंत्री बनाया गया है। आरोप है कि अपहरण के एक मामले में वह वारंटी हैं। कार्तिकेय को मंगलवार को पटना के व्यवहार न्यायालय में पेश होना था, लेकिन वे नहीं गए। उसी दिन उन्होंने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। कार्तिकेय की तरफ से इस मामले पर सफाई दी गई है। उनका कहना है कि कोर्ट से ऐसा कोई वारंट नहीं निकला है। स्थगन आदेश दिया गया है। उन्हें बदनाम करने का षड्यंत्र किया गया है। लेकिन किसके अपहरण के मामले में वारंट जारी करने की बात हो रही है और इस केस से बाहुबली अनंत सिंह का क्या कनेक्शन है यहां जानिए।

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काफिले के साथ जब अनंत सिंह पहुंचे थे राजू बिल्डर के गांव

घटना नवंबर 2014 की है। पूर्व विधायक अनंत सिंह के कथित चार करोड़ 70 लाख रुपये लेकर बिल्डर राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह भागा हुआ था। उसके बिहटा स्थित पैतृक गांव में होने की सूचना पर तत्कालीन मोकामा विधायक अनंत सिंह छह गाड़ियों का काफिला लेकर वहां पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने राजू को एक गाड़ी में बिठाया और पटना शहर की ओर लौटने लगे।

राजू के समर्थकों ने फूंक दी थी अनंत सिंह के काफिले की गाड़ी

यह देख राजू के समर्थक उग्र हो गए। उन्होंने पूर्व विधायक के काफिले को घेर लिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान उनके काफिले की एक गाड़ी को भी आग के हवाले कर दिया। सूचना मिलते ही बिहटा थाने की पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हुई। तब तक अनंत सिंह गाड़ी में राजू को लेकर आगे निकल चुके थे। अपहरण की खबर पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गई। तत्कालीन एसएसपी जितेंद्र राणा ने स्वयं कमान संभाल ली। बिहटा पुलिस जब तक विधायक की गाड़ी का पीछा करते मनेर गौरया स्थान पहुंची, तब तक अनंत सिंह गाड़ी में राजू सिंह को बैठाए पटना के शास्त्रीनगर थाने पहुंच गए।

राजू ने अपहरण का केस कर अनंत, कार्तिकेय व अन्य को किया था आरोपित

इसके बाद थाने में खूब हंगामा हुआ था। पुलिस ने गौरीचक के एक पुराने मामले में राजू को जेल भेज दिया और अनंत सिंह समर्थकों के साथ सरकारी आवास लौट गए। हालांकि, बाद में राजू के बयान पर अनंत सिंह समेत अन्य लोगों के विरुद्ध अपहरण कर प्रताड़ित करने की प्राथमिकी बिहटा थाने में की गई थी। इसी मामले में विधि मंत्री कार्तिकेय कुमार भी आरोपित थे। 


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