Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री पारस ने चिराग को लेकर कह दी बड़ी बात, महागठबंधन सरकार के भविष्य के बारे में भी बताया
Bihar Politics केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने चिराग पासवान पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि चिराग बाबू की वही स्थिति है जैसे सड़क पर घूमते जानवर की होती है। चिराग न इधर हैं न उधर सड़क पर हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने रविवार को पार्टी के जिलाध्यक्षों, जिला प्रभारियों, विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों के सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने भाजपा के साथ पूरी ताकत से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए सभी 40 सीटें जीतने का संकल्प कार्यकर्ताओं को दिलाया। पारस ने कहा कि बिहार में बदले राजनीतिक हालत और 2024 में के चुनाव की तैयारी के लिए पूरी ताकत से जुटे जाएं। चुनाव से पहले महागठबंधन सरकार ध्वस्त हो जाएगी और टुकड़े-टुकड़े में बंट जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चिराग पासवान पर भी हमला किया।
नीतीश कुमार का प्रधानमंत्री का सपना नहीं होगा पूरा
पारस ने कहा कि एनडीए के नाम पर वोट लेकर नीतीश कुमार महागठबंधन की गोद में बैठ गए। नीतीश कुमार का प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुकाबले में देश में कोई नेता नहीं हैं। भतीजे चिराग पासवान के एनडीए में होने के प्रश्न पर पारस ने तंज कसते हुए कहा कि चिराग बाबू की वही स्थिति है जैसे सड़क पर घूमते जानवर की होती है। चिराग न इधर हैं न उधर, सड़क पर हैं। मेरे पास चिराग को आने के लिए पहले प्रायश्चित करना होगा, माफी मांगना होगा।
अमित शाह के मुकाबले में कहीं नहीं हैं ललन सिंह
पारस ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के बारे में ललन सिंह छोटी मुंह, बड़ी बात कर रहे हैं। अमित शाह देश के काबिल और बड़े नेता हैं। उनसे ललन सिंह का क्या मुकाबला है? उन्होंने लालू प्रसाद के बारे में कहा कि लालू जी 2014 से ही भाजपा को उखाड़ फेंकने की बात कर रहे हैं, लेकिन आज तक उखाड़ नहीं पाए। हां, भाजपा और मजबूत हो जा रही है। आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है।
सम्मेलन की अध्यक्ष पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज ने की। प्रधान महासचिव केशव सिंह ने संचालन किया। प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच पर रालोजपा के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी एवं चंदन सिंह समेत दर्जनों पदाधिकारी मौजूद थे।