Bihar Politics: जदयू में हो सकती है शरद यादव की वापसी, कुशवाहा से मुलाकात के बाद अटकलें तेज
Bihar Politics पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के कद्दावर नेता रहे शरद यादव की पार्टी में फिर से वापसी हो सकती है। दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा से हुई मुलाकात से इस बात के संकेत मिल रहे हैं। शरद यादव एनडीए के संंयोजक भी रह चुके हैं।
पटना, आनलाइन डेस्क। जदयू के पुराने साथियों को वापस लाने की कवायद में संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) मुस्तैदी से जुटे हैं। अब खबर है कि उन्होंने दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Ex Union Minister Sharad Yadav) से मुलाकात की है। शरद यादव फिलहाल लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष हैं। दोनों नेताओं की मुलाकात को अहम माना जा रहा है। उनके बीच बिहार की स्थिति पर चर्चा होने की बात सामने आ रही है। सूत्रों की मानें तो रूठे शरद यादव फिर से जदयू (JDU) का तीर थाम सकते हैं। एक बार फिर राजनीतिक मंच पर नीतीश-शरद की जोड़ी दिख सकती है। हालांकि, कहा जा रहा है कि शरद यादव ने फिलहाल हामी नहीं भरी है। उन्होंने कुछ दिनों का समय मांगा है। इस बाबत दोनों नेताओं की ओर से फिलहाल कुछ कहा भी नहीं गया है, लेकिन राजनीति के जानकार इसे अहम मुलाकात मान रहे हैं।
पहले लालू प्रसाद अब कुशवाहा ने की मुलाकात
मालूम हो कि शरद यादव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का साथ एक समय काफी मजबूत माना जा रहा था। लेकिन जदयू के एनडीए से अलग होने और उसके बाद हुए राजनीतिक घटनाक्रम से नाराज शरद यादव ने जदयू का साथ छोड़ दिया था। उन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अलग पार्टी बना ली। 2019 में अलग चुनाव भी लड़ा लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद स्वास्थ्य खराब होने की वजह से वे राजनीतिक परिदृश्य से दूर रहने लगे। अब वे स्वस्थ हो रहे है और राजनीति में उनकी सक्रियता बढ़ने की उम्मीद है। बीते दिनों राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad) ने भी उनसे मुलाकात कर कुशलक्षेम जाना। इसकी तस्वीरें भी इंटरनेट मीडिया पर आई थी। अब एक बार फिर उन्हें जदयू में लाने की कवायद तेज हो गई है। शरद यादव को भी एक मजबूत ठिकाने की जरूरत तो है ही।
शरद यादव की वापसी से पार्टी को मिलेगी मजबूती
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा अक्सर कहते रहते हैं कि वे जदयू से रूठे साथियों को वापस लाएंगे। पार्टी को नंबर वन बनाएंगे। वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से जदयू को मजबूत करने में सीएम नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी गंभीरता दिखा रहे हैं। ऐसे में नीतीश कुमार के पुराने साथी और राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले शरद यादव की वापसी पार्टी के लिए अहम हो सकती है। शरद यादव बिहार के साथ मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से भी सांसद रह चुके हैं।