बिहारः कंगना को लेकर शिवानंद तिवारी ने की नरेन्द्र मोदी से मांग, कहा- बात नहीं की जा सकती खारिज
आजादी संबंधी कंगना रनौत के बयान का मुखर समर्थन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के सत्तारूढ़ होने की तारीख से ही कंगना आजादी की शुरुआत मानती हैं। मोदी का उनको खुलकर समर्थन करना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, पटना: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आजादी संबंधी कंगना रनौत के बयान का मुखर समर्थन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के सत्तारूढ़ होने की तारीख से ही कंगना आजादी की शुरुआत मानती हैं। इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहने वाले प्रधानमंत्री को कंगना के बयान के बारे में बेहतर पता होगा। फिर भी चुप हैं, जो संकेत कर रहा है कि कंगना के बयान का समर्थन कर रहे हैैं। इसलिए उन्हें मुखर होकर समर्थन करना चाहिए।
शिवानंद ने कहा कि कंगना की बात को हल्के में खारिज नहीं किया जा सकता है। गांधी जयंती पर दो अक्टूबर को जो हुआ उसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। सुना है कि दो लाख से ज्यादा लोगों ने उस दिन गांधी के हत्यारे का नाम लेकर जिंदाबाद बोला। ऐसी आजादी की किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। आजादी की लड़ाई ने कैसे-कैसे लोगों को इस देश में पैदा किया! कंगना के बयान के बाद आज उन सबने अपना सर झुका लिया होगा। इसके पहले लालू की बेटी रोहिणी ने ट्वीट करके कंगना को फर्जी झांसी की रानी और देशद्रोही बताया था। रोहिणी ने कंगना पर हमला करते हुए लिखा कि शहीदों की जान जिसे भीख लगती है। फर्जी झांसी की रानी तू देशद्रोही लगती है।
मांझी ने किया था हमला
रोहिणी से पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी कंगना को निशाने पर लिया था। उन्होंने राष्ट्रपति से कंगना को मिला पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की मांग की है। मांझी ने लिखा है कि कंगना से पुरस्कार वापस नहीं लिया गया तो दुनिया समझेगी कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, सरदार पटेल, अबुल कलाम आजाद, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, वीर सावरकर सबके सब ने भीख मांगी तो आजादी मिली। लानत है ऐसी कंगना पर। गौरतलब है कि कंगना ने एक टीवी कार्यक्रम में देश की आजादी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली थी वह भीख में मिली थी। असली आजादी 2014 में मिली थी।