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Bihar Politics: MLC मनोनयन पर NDA में छिड़ी जंग, मुकेश सहनी हुए नाराज तो मांझी को भी चाहिए न्‍याय

Bihar Politics बिहार में राज्‍यपाल कोटे से एनडीए के 12 एमएलसी बनाए गए हैं। उनके मनोनयन को लेकर मुकेश सहनी एवं जीतन राम मांझी नाराज हैं। उनके अनुसार एनडीए में गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया गया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 06:08 AM (IST)
Bihar Politics: MLC मनोनयन पर NDA में छिड़ी जंग, मुकेश सहनी हुए नाराज तो मांझी को भी चाहिए न्‍याय
जीतन राम मांझी एवं मुकेश सहनी। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, स्‍टेट ब्यूरो। Bihar Politics बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) के 12 सदस्यों के मनोनयन पर राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। गठबंधन के घटक दल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) व हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने इसपर नाराजगी का इजहार करते हुए इंसाफ की मांग की है। 'वीआइपी' और 'हम' ने कहा है कि गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया गया है।

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विदित हो कि बिहार में राज्‍यपाल कोटे की 12 सीटों के लिए एनडीए में जनता दल यूनाइटेड (JDU) व भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने छह-छह एमएलसी बनवाए, जबकि गठबंधन में शामिल 'वीआइपी' व 'हम' को कुछ भी हासिल नहीं हुआ। इससे दोनों दलों में नाराजगी है।

नहीं हुआ गठबंधन धर्म का पालन : वीआइपी

वीआइपी के प्रवक्ता राजीव मिश्रा ने एमएलसी मनोनयन पर कहा कि गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया गया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने विधानसभा चुनाव के वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि नोनिया समाज से हम एक एमएलसी बनायेंगे। इस मनोनयन में वीआइपी से राय लेनी चाहिए थी। अगर वीआइपी कोटा से एमएलसी मनोनीत नहीं कर सकते थे, तो एनडीए की ओर से कर लेते। ऐसा नहीं हुआ, इसलिए वीआइपी इसका विरोध करती है।

'हम' व 'वीआइपी' को देनी थी एक-एक सीट

'हम' के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि एनडीए का हिस्सा होने के नाते 'हम' और 'वीआइपी' को एक-एक सीट मिलनी चाहिए थी। 'हम' के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि मनोनयन के पहले एनडीए की रायशुमारी नहीं की गई। इसमें 'हम' और 'वीआइपी' जैसे सहयोगी दलों का ख्याल नहीं रखा गया। उन्‍होंने संकेतों में कहा कि पार्टी ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहां कोई कड़ा निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि, 'हम' के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र मांझी ने किसी भी प्रकार के कड़े निर्णय की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से मांग तो की ही जाती है, कोई जरूरी नहीं कि मांग मान ही ली जाए।


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