Bihar politics: प्रशांत किशोर बोले- बिना सुरक्षा बाहर निकलें सीएम नीतीश, पता चलेगा विकास कहां है
Bihar Politics बिहार में जनसुराज पदयात्रा शुरू करने से पहले प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश पर सियासी वार किया है। उन्होंने कहा है कि जब बिना सुरक्षा के सीएम नीतीश बाहर निकलेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि विकास कहां हुआ है।
By Rahul KumarEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2022 09:22 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 09:22 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना । बिहार में वैकल्पिक राजनीति की बात करने वाले प्रशांत किशोर रविवार यानी गांधी जयंती पर दो अक्टूबर से बिहार में प्रदेशव्यापी जनसुराज पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं। उनका दावा है कि बिहार के इतिहास में पिछले 75 वर्षों में ऐसी पदयात्रा नहीं हुई। 3500 किलोमीटर की पदयात्रा के पीछे का उद्देश्य नए बिहार की बुनियाद रखना है। जमीनी स्तर पर जन संवाद के जरिए पलायन, बेरोजगारी, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बिंदुओं पर आधारित अगले 15 वर्षों के लिए पंचायत स्तर पर बिहार के विकास का विजन डाक्यूमेंट तैयार करना है।
कुर्सी से चिपकने से कुछ नहीं होने वाला
यात्रा की तैयारियों में जुटे प्रशांत ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किए गए भाजपा विरोधी अभियान की जमकर आलोचना की। प्रशांत ने कहा कि केवल नेताओं से मिलने और साथ चाय पीने से राष्ट्रीय राजनीति नहीं बदलती है। कोई प्रधानमंत्री नहीं बनता। बिहार आज भी पिछड़ा राज्य है। नीतीश कुमार बगैर सरकारी सुरक्षा के निकल जाएं फिर उन्हें विकास समझ में आ जाएगा। नीतीश कुमार 10 वर्षों से राजनीतिक बाजीगरी दिखा रहे हैं और कुर्सी से चिपके हुए हैं। कुर्सी से चिपकने से कुछ नहीं होने वाला है। धरातल पर काम करना होगा।
नीतीश कुमार से मेरे रिश्ते पिता-पुत्र की तरह
नीतीश कुमार के साथ चुपके-चुपके मुलाकात पर प्रशांत ने कहा कि नीतीश कुमार से मेरे रिश्ते पिता-पुत्र की तरह हैं। उन्होंने मिलने के लिए बुलाया। पवन वर्मा ने संपर्क किया। पवन साथ लेकर गए। चुपके या अंधेरे में नहीं बल्कि दिन के उजाले में शाम 4.30 बजे मिले थे। मुलाकात लगभग दो घंटे चली। मैंने जो सवाल उठाए हैं। रास्ता चुना हूं, उसपर कायम हूं। मुलाकात के दौरान हम दोनों ने एक दूसरे के सामने अपनी बातें रखीं लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
लालू-नीतीश के शासन काल से जनता उब चुकी है
उन्होंने कहा कि पिछले 32 वर्षों में लालू यादव और नीतीश कुमार के शासन से त्रस्त होकर उब चुके हैं। एक-एक व्यक्ति को बदलाव के साथ विकास के नई किरण की तलाश है। हम समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान बताएंगे। विकास का ब्लूप्रिंट जमीनी पर लोगों से बात कर बनाई जाएगी। अगर कोई दल बनता है तो वो प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा। वो उन सारे व्यक्तियों का होगा जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे। जब तक पूरा बिहार पैदल न चल लें तब तक पटना नहीं लौटेंगे।
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