Bihar Politics: नीतीश कैबिनेट में अभी 20 से अधिक नए मंत्रियों की गुंजाइश, उम्मीद यह कि जल्दी होगा मंत्रिमंडल विस्तार
Bihar Politics बिहार की नीतीश कुमार की नई एनडीए सरकार में अभी 20 से अधिक नए मंत्रियों को शामिल करने की गुंजाइश बची हुई है। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल का खरमास के पहले ही विस्तार किया जा सकता है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics बिहार विधानमंडल सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) की उम्मीद में बैठे विधायकों (MLAs) की सांसें अटकी हुई हैं। पखवारे भर पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पद की शपथ ली थी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विधायकों को बताया गया कि जल्द ही कैबिनेट का विस्तार होगा। यह रिवाज भी रहा है। आम तौर पर मुख्यमंत्री कम मंत्रियों के साथ शपथ लेते हैं। बाद में विस्तार होता है। अनुमान लगाया जा रहा था कि विधानसमंडल सत्र समाप्त होने के बाद नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। सत्र समाप्त हुए भी सप्ताह बीत गए। अब खरमास (Kharmas) से पहले विस्तार की उम्मीद की जा रही है।
मंत्रिमंडल विस्तार पर आधिकारिक बयान नहीं
मंत्रिमंडल विस्तार पर अबतक किसी की आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। तीन दिन पहले राजधानी में आयोजित एक उद्घाटन समारोह में पत्रकारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया। उनका छोटा सा जवाब था- इंतजार कीजिए। इसके अलावा मुख्यमंत्री या अन्य घटक दलों के नेताओं की ओर से मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में कुछ नहीं कहा जा रहा है। इसके चलते विधायकों की सांसे अटकी हुई हैं।
नई एनडीए सरकार में बनाए जा सकते 36 मंत्री
बिहार विधानसभा के सदस्यों की संख्या 243 है। कुल कुल सदस्य संख्या के 15 प्रतिशत विधायक मंत्री बन सकते हैं। इस लिहाज से बिहार कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 36 सदस्य शामिल हो सकते हैं। नीतीश के साथ शपथ लेने वाले शिक्षा मंत्री डा. मेवालाल चौधरी इस्तीफा दे चुके हैं। लिहाजा, राज्य कैबिनेट में 20 से अधिक नए सदस्यों के शामिल होने की गुंजाइश है।
किसे कितना हिस्सा मिल सकता है, जानिए
इस सवाल का जवाब खोजा जा रहा है कि विस्तार में एनडीए के किस दल को कितना हिस्सा मिलेगा। चार-चार विधायकों वाले दो नए घटक दल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM) के एक एक सदस्य को मंत्री बनाया जा चुका है। लेकिन बदली हुई परिस्थिति में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच हिस्सा तय होना बाकी है। इससे पहले जब जेडीयू के विधायकों की संख्या अधिक होती थी, नीतीश कुमार की कैबिनेट में उन्हें अधिक जगह मिलती थी। इस बार परिदृश्य बदला हुआ है। बीजेपी बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। इसलिए वह अधिक हिस्सेदारी की मांग भी कर सकती है। हालांकि, बीजेपी और जेडीयू के बीच जिस स्तर की समझदारी है, उसमें हिस्सेदारी को लेकर विवाद की आशंका नहीं है।
बीजेपी-जेडीयू में नए पुराने का भी है सवाल
बीजेपी ने नए चेहरों काे तरजीह दी है तो जेडीयू ने पुराने चेहरों पर अधिक भरोसा किया है। इसका असर मंत्री पद के नए दावेदारों पर भी है। बीजेपी के नए चेहरे उत्साहित हैं तो जेडीयू के पुराने मंत्रियों के बीच अपेक्षाकृत इत्मीनान का भाव है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने शपथ ग्रहण से एक दिन पहले संभावित मंत्रियों से बायोडाटा मंगवाया था। उनमें से कुछ लोगों को जगह मिली। वंचित विधायक विस्तार की प्रतीक्षा कर रहे हैं।