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Bihar Politics: विपक्ष ने कहा, खेद खाये गदहा और मार खाये कौन, विधान सभा अध्यक्ष बोले- हम जानते हैं

बिहार विधान सभा में चल रहे बजट सेशन के दौरान तनाव के बीच हंसी के क्षण भी आए। सत्‍ता पक्ष जब विपक्ष को कार्यवाही चलने देने के लिए मना रहा था तब राजद विधायक ने कहावत कही इसपर स्‍पीकर की हाजिरजवाबी पर सदन में ठहाके लगे।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 09:27 PM (IST)
Bihar Politics: विपक्ष ने कहा, खेद खाये गदहा और मार खाये कौन, विधान सभा अध्यक्ष बोले- हम जानते हैं
विधान सभा अध्‍यक्ष विजय कुमार सिन्‍हा की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । बुधवार को विधानसभा का माहौल काफी तनावपूर्ण था। पक्ष-विपक्ष के सदस्य जुबानी तौर पर एक दूसरे को देख रहे थे। लेकिन, बीच-बीच में हुई हल्की टिप्पणियों से हंसी का दौर भी चल रहा था। तनाव समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी की एक टिप्पणी को लेकर कायम था। विपक्ष उनकी बर्खास्तगी पर अड़ा था। सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने खेद जाहिर कर दिया। राजद के भाई वीरेंद्र भी अन्य सदस्यों की तरह चाह रहे थे कि सहनी खुद खेद जाहिर करें। उन्होंने अपनी भावना एक कहावत के जरिए जाहिर की। कहा-खेत खाये गदहा और मार खाये...वे अपना वाक्य पूरा नहीं कर पाए। अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा-हम जानते हैं। सब लोग हंसने लगे। हालांकि खुद मदन सहनी ने इसका विरोध किया। उनके विरोध पर सदन की कार्यवाही से यह हिस्सा अलग कर दिया गया।

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जब भाकपा विधायक ने अपनी पीड़ा बताई, ठहाके लगे

लगातार विरोध कर रहे भाकपा माले के सत्यदेव राम ने जब अपनी पीड़ा बताई, सदन में उस समय भी ठहाका गूंजा। सत्यदेव बता रहे थे कि उनके सदस्यों की दशा बुरी है। सदन में सवाल न करें तो जनता नाराज होती है। सवाल पूछें तो सरकार नाराज हो जाती है। हमको क्या है? मार खाएंगे, रोएंगे। वे कह रहे थे कि हमलोग आन्दोलन कर रहे हैं। अध्यक्ष ने टोका-यहां आन्दोलन नहीं हो रहा है।

मनुहार कर रहा था सत्‍ता पक्ष

जदयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार विपक्ष से मनुहार कर रहे थे। कह रहे थे कि खेद प्रकट कर दिया गया है। अब शांत हो जाइए। हम खूंटा यही गाड़ेंगे, यह नहीं चलता है। आहत करने वाली टिप्पणी विपक्ष से भी होती है। विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी तस्दीक की। बोले-आपने (विपक्षी सदस्य) भी बैठे-बैठे मंत्री पर किस तरह का कमेंट किया है। उस पर उधर (सत्तापक्ष) से भी प्रतिक्रिया हो सकती है। उनका इशारा यह था कि कहीं सत्ता पक्ष भी विपक्ष से खेद व्यक्त करने की मांग न करने लगे।


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