बिहारः नाराज लालू के 'लाल' तेजप्रताप बेचेंगे चावल, स्लोगन दिया- अपना उपजाओ, अपना खाओ
समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा के विधायक व बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप ने अपने नए कारोबार के बारे में बताया है। पहले से वह अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय कर रहे हैं। अब चावल मिल के व्यवसाय में हाथ आजमाएंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की परिवार और पार्टी से नाराजगी अभी खत्म नहीं हुई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो के बड़े 'लाल' तेजप्रताप अपने छोटे भाई व सदन में नेता प्रतिपक्ष से खफा हैं। लालू खुद इस बात को मान चुके हैं। उन्होंने दो दिन पहले कहा था कि दोनों भाइयों के बीच विवाद जल्द खत्म हो जाएगा। अब समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा के विधायक व बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप ने अपने नए कारोबार के बारे में बताया है। पहले से वह अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय कर रहे हैं। अब चावल मिल के व्यवसाय में हाथ आजमाएंगे।
लालू-राबड़ी के नाम पर ही लांच करने का फैसला
इस नए व्यवसाय को भी उन्होंने लालू-राबड़ी के नाम (एलआर) पर ही लांच करने का फैसला किया है। शुक्रवार को ट्वीट करके तेजप्रताप ने अपने नए कारोबार के बारे में जानकारी दी है। कंपनी का नाम एलआर राइस एंड मल्टीग्रेंस प्राइवेट लिमिटेड रखा है।
कंपनी के पांच प्रोडक्ट लांच किए जाएंगें
कंपनी का स्लोगन दिया है- अपना उपजाओ, अपना खाओ, अपना कमाओ, जय बिहार। दीवाली के पहले इस कंपनी के पांच प्रोडक्ट लांच किए जाएंगें। शोरूम पटना के अनीसाबाद में तेजप्रताप नगर में बनाने की तैयारी है। उन्होंने दावा किया कि उत्पाद की शुद्धता पर ज्यादा जोर रहेगा। अगर किसी ने साबित कर दिया कि हमारी कंपनी के उत्पाद में मिलावट है तो उसे ईनाम दिया जाएगा। बता दें कि तेजप्रताप कुछ दिन पहले ही बिजनेस मैन बन चुके हैं। उन्होंने अगरबत्ती बनाने की फैक्ट्री शुरू की थी। लालू-राबड़ी के नाम (एलआर) से यह अगरबत्ती लांच की गई थी। इसके लिए बकायदा पटना के दानापुर स्थित 'लालू खटाल' नाम से फैक्ट्री की शुरुआत की गई थी। तेजप्रताप ने बताया था कि मंदिर में चढ़ने वाला फूल का प्रयोग करके आयुर्वेदिक अगरबत्ती का निर्माण किया जा रहा है। तेजप्रताप खुद इस कंपनी की निगरानी करते हैं।