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सोनिया गांधी से मिले नीतीश-लालू, राजद सुप्रीमो बोले- हमलोग डरने वाले नहीं; 2024 में बीजेपी को हराना है

Bihar Politics भाजपा के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की मुहिम को लेकर रविवार को सीएम नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू यादव ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस दौरान लालू यादव ने कहा है कि 2024 में देश से भाजपा को हटाना है।

By JagranEdited By: Rahul KumarPublished: Sun, 25 Sep 2022 07:20 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 10:21 PM (IST)
सोनिया गांधी से मिले नीतीश-लालू, राजद सुप्रीमो बोले- हमलोग डरने वाले नहीं; 2024 में बीजेपी को हराना है
राजद सुप्रीमो लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार। साभार एएनआइ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा से अलग होने के बाद लगातार विपक्षी एकजुटता को मजबूत बनाने में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस दौरान इनके बीच विपक्षी एकजुटता को लेकर चर्चा हुई। सोनिया ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करने की सलाह दी। बातचीत के दौरान सहमति जैसी कोई बात भले न बनी हो, लेकिन इस बात पर जोर जरूर दिया गया कि 2024 के आम चुनावों में भाजपा को हराने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए। 

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(सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते सीएम नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लाला यादव। साभार- एएनआइ)

'बीजेपी को हराना है और देश को बचाना है'

सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद नीतीश और लालू ने मीडिया से मुखातिब होकर बैठक की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि हमें भाजपा को हराना और देश को बचाना है। इसके लिए हम सभी को साथ आना होगा। जिस तरह से हमने भाजपा को बिहार से हटाया, उसी तरह एकजुट होकर देश से भी हटाना है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी से बातचीत हुई है। हमने पूरी बात उनके सामने रखी है। फिलहाल अभी कांग्रेस के संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने अगले 10 से 12 दिनों बाद इस मुद्दे पर एक बार फिर मिलने की बात कही है। 

दोनों ने कहा, ये शिष्टाचार मुलाकात

बिहार के दोनों नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात उनके आवास पर हुई। इस मुलाकात के बाद नीतीश व लालू की भाव-भंगिमाएं बदली हुई थीं। दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे हुए थे। हालांकि सोनिया गांधी से हुई इस मुलाकात को दोनों ने ही शिष्टाचार मुलाकात बताया। लेकिन जानकारों की मानें तो सोनिया ने इन दोनों को इस मुद्दे पर नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद बातचीत की बात कहकर अभी टरका दिया है। वैसे भी कांग्रेस अपने सिवाय किसी भी अन्य दल को विपक्ष का नेतृत्व देने के पक्ष में नहीं है। राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते वह इस पर अपना दावा मानती है।

विपक्षी एकजुटता की मुहिम में जुटे हैं नीतीश

भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार लगातार विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में जुटे है। इस दौरान वे विपक्षी दलों के ज्यादातर प्रमुख नेताओं से मिल चुके हैं। रविवार को भी इसी क्रम में वे फतेहाबाद में इनेलो की रैली में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली लौटे थे। उन्होंने विपक्षी दलों से 2024 में भाजपा को हराने के लिए एकजुट होने की अपील की। हालांकि ये बात अलग है कि इस रैली में विपक्षी गिनती के ही कुछ नेता पहुंचे थे


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