Bihar Politics: 17वीं विधानसभा में नहीं दिखेंगे कई बड़े चेहरे, नहीं होंगे कई दिग्गजों के वो हंसी-मजाक भरे कटाक्ष
Bihar Politics बिहार विधानसभा चुनाव में 17वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित सदस्यों पर नजर डाले तो कई बड़े चेहरे सदन में नहीं दिखेंगे। साथ ही नहीं दिखेगी उनसे जुड़ी कई बातें। पक्ष-विपक्ष के इस दिग्गजों की क्या बातें पुराने लोग मिस करेंगे आइए जानें।
पटना, भुवनेश्वर वात्स्यायन। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) के बाद 17वीं विधानसभा (17th Bihar Assembly) का सत्र शुरू होने जा रहा है। इस बार निर्वाचित होकर आए वैसे पुराने दिग्गज, जो 16वीं विधानसभा में भी थे, कई चीजों को मिस करेंगे। इस बार पक्ष-विपक्ष के दिग्गजों की आपसी दिल्लगी और उस क्रम में कटाक्ष के दृश्य शायद कम ही दिखें। इसके लिए चर्चा में रहते आए कई बड़े चेहरे नई विधानसभा के लिए निर्वाचित नहीं हुए हैं।
नहीं दिखगी बिजेंद्र यादव व सिद्दीकी की दिल्लगी
16वीं विधानसभा का ऐसा शायद ही कोई सत्र हो जब ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव (Bijendra yadav) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के दिग्गज अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Siddiqui) के बीच की दिल्लगी का दीदार सदन में नहीं हुआ हो। इस बार अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनाव हार गए हैं। ऐसे में मामला शांत-शांत ही रहेगा।
याद आएगा विजय चौधरी का उर्दू में दिया संबोधन
लोगों को विधानसभा अध्यक्ष (Speaker) की कुर्सी से विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) का खालिस उर्दू में दिया गया संबोधन भी खूब याद है। अब विजय चौधरी उस कुर्सी पर नजर नहीं आएंगे। ऐसे में उनका उर्दू में दिया गया संबोधन भी मिस करेगा सदन।
विपक्ष को जवाब देते नजर नहीं आएंगे नंदकिशोर
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नंद किशोर यादव (Nand Kishore Yadav) मंत्री के रूप में विपक्ष को कसकर जवाब देते रहे थे। इस बार वे मंत्रियों के लिए तय हिस्से में नहीं दिखेंगे। उनके विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर दिखने की चर्चा जरूर है। विपक्ष के शोर के बीच संसदीय कार्य मंत्री के रूप में श्रवण कुमार (Shravan Kumar) का सदन चलाने की नियमावली का पृष्ठ पलटना भी अभी नजर नहीं आएगा। उन्हें अभी मंत्री की कुर्सी नहीं मिली है।
सदन में कौन खड़ा करेगा व्यवस्था का प्रश्न?
विधानसभा में कांग्रेस (Congress) के नेता सदानंद सिंह (Sadanand Singh) की यह अदा खूब याद है। वे हर चर्चा के बीच में व्यवस्था का प्रश्न बता कर खड़े हो जाते थे और कुछ न कुछ जरूर बोलते थे। सदानंद सिंह ने इस बार चुनाव ही नहीं लड़ा। 17वीं विधानसभा में वैसे 10 मंत्री भी नहीं दिखेंगे जो 16वीं विधानसभा के सदस्य थे।
अब नजर नहीं आएंगे आरजेडी के शक्ति यादव
सदन में बात-बात पर वेल में पहुंचने वाले माले (CPI ML) के त्रिदेव की खूब चर्चा होती रही है। महबूब आलम (Mahboob Alam) शुरू करते थे और फिर माले के तीनों विधायक वेल में। इस बार यह बढ़ गयी है। इस बार माले के 12 विधायक हो गए हैं। आरजेडी के शक्ति यादव (Shakti Yadav) भी सदन में हर बात पर कुछ न कुछ बोलते रहे हैं। वे भी 17वीं विधानसभा में नहीं दिखेेंगे। वे भी चुनाव हार गए हैं।
सुशील मोदी की जगह दिखेंगे तार किशोर व रेणु
एक और नोटिस किए जाने वाला दृश्य नजर आएगा। आंकड़ों के साथ अपनी बात रखने वाले उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Dy.CM Sushil Kumar Modi) भी नहीं दिखेंगे। उनकी जगह इस बार मंत्रियों की बेंच पर मुख्यमंत्री के बगल में उपमुख्यमंत्री के रूप में तारकिशोर प्रसाद (Tar Kishore Prasad) और रेणु देवी (Renu Devi) बैठी नजर आएंगी।