लालू प्रसाद ने वरीय आइएएस से उठवाया था पीकदान, ब्यूरोक्रेसी विवाद पर उमा भारती ने सुनाया किस्सा
मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम और भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी वाले बयान में अब बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का प्रसंग जोड़ा है। उन्होंने कहा है कि तब सीनियर आइएएस लालू जी का पीकदान उठाते थे।
पटना, आनलाइन डेस्क। भाजपा की फायरब्रांड नेता रहीं मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती (EX MP CM Uma Bharti) के ब्यूरोक्रेट्स वाले बयान ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में वे अपनी तरफ से कई सफाई दे रही हैं। ट्विटर पर उन्होंने इसी क्रम में बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (Ex CM Lalu Prasad) का प्रसंग छेड़ दिया है। इस पर बिहार में भी सियासत गर्म हो सकती है। Twitter पर उमा भारती ने लिखा है कि सन 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी (Ex CM Atal Bihari Vajpayee) की सरकार थी, वे केंद्र में पर्यटन मंत्री थीं। उसी दौरान एक स्थिति बनी कि उन्हें लालू प्रसाद और राबड़ी देवी (Lalu Prasad and Rabri devi) के साथ हेलीकाप्टर से पटना से गया जाना पड़ा था। हेलीकाप्टर में सामने की सीट पर बिहार के एक सीनियर आइएएस अधिकारी (Senior IAS Officer) भी बैठे थे। उमा भारती ने लिखा है कि लालू प्रसाद ने मेरे सामने ही पीकदान में थूका और उस वरिष्ठ आइएएस अफसर के हाथ में थमा दिया। उसे खिड़की के बगल में नीचे रखने को कहा। उस अधिकारी ने ऐसा ही किया।
पिछड़ेपन के साथ पीकदान का भी उठाया मु्द्दा
उमा भारती ने एक अलग ट्वीट में लिखा है कि उन्हें ये बात नागवार गुजरी। सन 2005-06 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें बिहार का प्रभारी बनाया गया था। तब उन्होंने पिछड़ेपन के साथ पीकदान का मामला उठाया। बिहार के अफसरों से अपील की कि आज आप इनका पीकदान उठाते हैं, कल हमारा भी उठाना पड़ेगा। अपनी गरिमा को ध्यान में रखें। पीकदान की जगह फाइल और कलमदान से चलें। मध्यप्रदेश की इस पूर्व सीएम ने बिहार में सत्ता परिवर्तन समेत अन्य प्रसंगों का भी वर्णन किया है।
ब्यूरोक्रेसी पर दिए बयान पर हुआ बवाल
बता दें कि ब्यूरोक्रेसी पर दिए गए उमा भारती के बयान पर खूब सियासत हो रही है। हालांकि अपने बयान पर उन्होंने खेद जताया। ट्वीट किया कि ब्यूरोक्रेसी पर असंयत भाषा पर उन्हें आत्मग्लानि हुई। लेकिन उनके भाव बिल्कुल सही थे। हर प्रकार के अधिकारियों से वास्ता पड़ा। किंतु ईमानदार और नियम पालन करने में पूरे देश खासकर मध्यप्रदेश के ब्यूरोक्रेट की व्यवहारिक संगत मिली। उनके प्रति सम्मान की अमिट छाप उनके मन में है।