बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर घूम-घूमकर सीएम नीतीश का आभार प्रकट करेंगे जदयू कार्यकर्ता
आरंभ से ही जदयू जाति आधारित गणना को अपना मुद्दा बनाकर आगे बढ़ता रहा। श्रेय लेने के लिए दूसरे भी आगे आए पर बात नहीं बनी। आभार यात्रा के केन्द्र में यह साफ है कि राज्य में जाति आधारित गणना सीएम नीतीश की वजह से ही संभव हो सकी है।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। जाति आधारित गणना की बात को अपनी चर्चा के साथ जदयू आगे ले जा रहा है। बिहार के सियासी गलियारे में इसकी खूब चर्चा हो रही है। आभार यात्रा ने इस तथ्य को और भी मजबूत अंदाज में पुष्ट किया है। आभार यात्रा के केंद्र में यह संदेश साफ है कि बिहार में जाति आधारित गणना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वजह से ही संभव हो सकी है। जदयू के लोग पूरे बिहार में घूम-घूमकर उनके प्रति आभार प्रकट करेंगे।आभार यात्रा के पूर्व भी जदयू ने कई मौकों पर यह साफ-साफ कहा है कि जाति आधारित गणना के केंद्र में नीतीश कुमार हैं। कई दशकों से वह इस मसले पर बात करते रहे हैं।
विधानसभा में पिछले वर्ष बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यह प्रस्ताव रखा था कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बात रखे। उस समय भी जदयू ने खुद को इस मुद्दे पर ड्राइविंग सीट पर रखा। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी को प्रधानमंत्री से मिलने जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के समन्वय का काम दिया गया। प्रधानमंत्री से मिलने के बाद तेजस्वी मुखर जरूर हुए, पर नीतीश कुमार वहां अभिभावक की भूमिका में बने रहे। जदयू के सांसदों की एक टीम ने इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी भेंट की थी।
जाति आधारित गणना को केंद्र से अनुमति नहीं मिलने के बाद यह तय हुआ कि राज्य सरकार अपने संसाधन से यह काम कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के साथ विमर्श कर वह जाति आधारित गणना की दिशा में आगे बढ़ेंगे। भाजपा की ओर से बात आगे नहीं बढ़ने के बाद यह मामला काफी दिनों तक अटका रहा। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यह घोषणा कर डाली कि वह इस मसले पर पूरे प्रदेश की यात्रा करेंगे। सरकार को यह कह डाला कि अगर एक निर्धारित अवधि तक सर्वदलीय बैठक नहीं होती है वह इस मुद्दे को लेकर आगे बढ़ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने तुरंत तेजस्वी यादव को अपने आवास पर बुलाकर बात की। इसके बाद तेजस्वी यादव ने अपनी यात्रा टाल दी। मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और फिर कैबिनेट की बैठक कर इसके लिए राशि भी आवंटित की। इसके बाद से इस पूरे मामले को जदयू इस चर्चा के साथ लेकर आगे बढ़ रहा कि जाति आधारित गणना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देन है।