Move to Jagran APP

Bihar Political Crisis: चौंकाने वाला नहीं है नीतीश का फैसला, भाजपा से अलग होने की पटकथा पहले से थी तैयार

Bihar Politics बिहार में जदयू-बीजेपी का रिश्ता खत्म हो गया। अब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ मिलकर नई सरकार बनाएंगे। लेकिन बीजेपी से अलग होने की पटकथा काफी पहले लिख ली गई थी। टूट की क्या वजह थी पढ़िए पूरी Inside Story...

By Rahul KumarEdited By: Published: Tue, 09 Aug 2022 07:20 PM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2022 07:32 PM (IST)
Bihar Political Crisis: चौंकाने वाला नहीं है नीतीश का फैसला, भाजपा से अलग होने की पटकथा पहले से थी तैयार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएम मोदी। फाइल फोटो

दीनानाथ साहनी, पटना। Bihar politics: बिहार की सियासत में नीतीश कुमार को जानने वालों के लिए मुख्यमंत्री पद से उनका इस्तीफा बहुत चौंकाने वाला नहीं है। दरअसल नीतीश की यही छवि है और यही पूंजी। राजनीति में रहते हुए भी कुछ मुद्दों पर समझौता करना तो दूर, समझौता करते हुए दिखना भी उन्हें नामंजूर है। नवंबर, 2020 में बिहार विधानसभा के चुनावी नतीजे ने यह तय कर दिया था कि भाजपा और जदयू के बीच भरोसे और रिश्ते ज्यादा दिनों तक नहीं निभ पाएंगे क्योंकि तब जदयू ने माना था कि चुनाव में उसके साथ धोखा हुआ।

loksabha election banner

नीतीश की छवि को पहुंच रहा था नुकसान

फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार तो बन गई पर भाजपा और जदयू के बीच भरोसे का संकट भी गहरा गया। फिर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष से सदन में सरकार का टकराव हो या फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रह-रहकर भाजपा नेताओं की ओर से आंखें दिखाना, बयानबाजी करना और उनकी छवि को चोट पहुंचाना-यह सब नीतीश कुमार को कतई स्वीकार नहीं है। वह जानते हैं कि भाजपा न सिर्फ जदयू को कमजोर कर रही है बल्कि उनकी छवि को भी नुकसान पहुंचा रही है। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर उन्होंने इस मोर्चे पर खुद को और मजबूती के साथ खड़ा कर दिया है।

जातीय गणना के जरिए बीजेपी को घेरा

बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत ने जहां उसमें राजनीतिक उत्साह बढ़ा दिया था और भविष्य में अकेले दम पर सरकार बनाने का सपना देख रही थी। वैसे भी भाजपा का राजनीतिक चरित्र अलग है। अपने संख्या बल से उत्साहित भाजपा को दबाव की राजनीति पसंद है और यही दांव वह नीतीश कुमार पर आए दिन आजमा रही थी। वहीं दूसरी तरफ चुनाव में भाजपा से कमतर प्रदर्शन से जदयू के नेताओं व कार्यकर्ताओं में हताशा ला दिया था, इससे नीतीश कुमार बखूबी वाकिफ थे। इसीलिए यह सवाल उसी दिन से हर किसी के दिलो दिमाग में था कि दो विपरीत ध्रुव आखिर कब तक इकट्ठे रह पाएंगे? यह कहने में परहेज नहीं होना चाहिए कि भाजपा के बढ़ते दबदबे से खुद नीतीश भी आशंकित थे और यही कारण है कि भाजपा की काट में जातीय गणना का अपना एजेंडा आगे कर दिया और उसे राजग समेत अन्य दलों का  भरपूर समर्थन भी मिला। जबकि शुरू से जातीय गणना का विरोध कर रही भाजपा ने अंत में बेमन से उसका समर्थन किया। उसी समय नीतीश कुमार ने परोक्ष रूप से अपने सहयोगी राजद को भी एकसाथ आने संकेत भी दे दिया था।

राजद को था नीतीश के फैसले का इंतजार

बस, राजद नेतृत्व वाली महागठबंधन को भाजपा से नीतीश कुमार का अलग होने का इंतजार था। यह मौका आरसीपी प्रकरण ने नीतीश को मुहैया करा दिया। राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे हैं कि भाजपा की ओर से बार-बार नीतीश कुमार को कमजोर करने की भी कोशिश की गई। दबे पांव भाजपा ने जदयू का आकार और छोटा करने में जुटी थी। वह भी नीतीश के खिलाफ। जाहिर तौर पर नीतीश के लिए ज्यादा असहज भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का रुख भी रहा होगा। वरना क्या कारण था कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में उन्होंने भाजपा नेतृत्व का जी-खोलकर समर्थन किया था। लेकिन, नीतीश के लिए यह सर्वथा मुश्किल था कि वह भाजपा को हर अहम मौके पर समर्थन देते रहें और इसके उलट भाजपा उन्हें घिरते रहे। यह विरोधाभास नीतीश के लिए असहनीय हो चला था।

जेपी नड्डा के बयान बाद बढ़ा ली दूरी

जिस दिन जेपी नड्डा ने पटना में आकर क्षेत्रीय दलों को खुली चुनौती दी कि देश में क्षेत्रीय दल खत्म हो जाएंगे, सिर्फ भाजपा रहेगी, उस बयान ने नीतीश कुमार से हमेशा के लिए भाजपा की दूरी बढ़ा दी। बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार को बीस महीने ढोते-ढोते आपसी संबंध और विश्वास की तारें तन चुकी थीं। यह स्पष्ट था कि बिहार में भाजपा व जदयू के संबंध का पटाक्षेप हो चुका है। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश ने स्पष्ट कहा कि वह एनडीए की सरकार के मुख्यमंत्री थे। इसलिए मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.