Bihar Politics: पूर्व सीएम मांझी का बड़ा बयान, बोले-खत्म होना चाहिए आरक्षण, नहीं चाहिए हमें यह भीख
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Ex CM jitan Ram Manjhi) ने दिल्ली में हुई पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद कई मुद्दों पर अपनी बातें रखीं। आरक्षण भगवान राम बिहार पंचायत चुनाव के विषय पर उन्होंने बेबाकी से जवाब दिए।
पटना, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Ex CM Jitan Ram Manjhi) ने आरक्षण को कलंक और भीख की तरह बताया है। नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब (Constitutional Club, New Delhi) में बुधवार को आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मांझी ने कहा कि आरक्षण और जातिवाद का राक्षस हमें निगल रहा है। समान स्कूली शिक्षा ही इसका उपाय है। राष्ट्रपति व गरीब का बच्चा एक साथ पढ़े। इसे लागू कर 10 वर्ष का समय दीजिए। दस वर्ष में हम आगे बढ़ जाएंगे। फिर आरक्षण और जातिवाद की कोई बात ही नहीं होगी।
हमको नहीं चाहिए था आरक्षण
मांझी ने दोहराया कि हमको आरक्षण नहीं चाहिए था। यह हमको भीख की तरह मिला। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने भी कहा था कि 10 या 20 साल के लिए आरक्षण दीजिए और फिर इसकी समीक्षा कीजिए। पिछड़े लोगों को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से उन्नत बनाइए। इस मामले में सरकार ने क्या किया? आरक्षण कलंक है हमारे ऊपर। फ्रांस, कनाडा, जापान, इंग्लैंड सभी जगह समान स्कूली शिक्षा की व्यवस्था है, इसलिए वहां आरक्षण और जातिवाद नहीं है। मांझी ने कहा कि आरक्षित वर्ग के लिए मतदाता सूची अलग होनी चाहिए। आज हम भोग रहे हैं। हम 80 फीसद हैं, मगर 20 फीसद वाले चुनाव प्रभावित करते हैं। अनुसूचित जाति की सीटों पर सामान्य वर्ग के लोग जीत रहे हैं। पिछड़े लोगों को भय और पैसे के बल पर वोट देने से रोका जाता रहा है।
फर्जी प्रमाणपत्र पर बन गए पांच सांसद
मांझी ने आरोप लगाया कि लोकसभा के पांच सदस्यों ने पिछड़ी जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीता है। उन्होंने भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह बघेल व जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी, कांग्रेस सांसद मो. सादिक, तृणमूल कांग्रेस की सांसद आफरीन अली व निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा का नाम लेते हुए जांच की मांग की। दावा किया कि नौकरी व पंचायत चुनाव में भी 15 से 20 फीसद कोटा फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर हड़प लिया जाता है।
वाल्मीकि राम से हजार गुणा अधिक बड़े
वाल्मीकि जयंती पर रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए मांझी ने फिर से दोहराया कि राम एक काल्पनिक पात्र हैं। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि राम से हजार गुणा अधिक बड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह उनका निजी मत है। वे किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। कार्यकारिणी के दौरान पार्टी ने निजी क्षेत्र, न्यायपालिका, राज्यसभा व विधान परिषद में आरक्षण सुनिश्चित कराने का प्रस्ताव दिया।