Bihar Politics: शिकायतों के पुलिंदा के साथ होगा कांग्रेस के नए बिहार प्रभारी भक्त चरण दास का स्वागत
एआइसीसी के डेढ़ दर्जन नाराज नेताओं ने बैठक कर आरोप पत्र तैयार किया है। 11 जनवरी को बिहार आ रहे नए प्रभारी से टिकट बंटवारे में खेल से लेकर राजद के कारण चुनाव में हार की शिकायत प्रमुखता से की जाएगी। पढि़ए आरोप पत्र के मुद्दे।
पटना, सुनील राज । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly polls) में कांग्रेस (Congress) की पराजय के बाद से पार्टी दो खेमे में बंटी हुई है । नाराज खेमा विधानसभा चुनाव में पराजय का ठीकरा लगातार प्रदेश नेतृत्व पर फोड़ रहा है। पुराने प्रभारी को लेकर भी पार्टी के अंदर काफी नाराजगी है। अब जबकि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार में शक्ति सिंह गोहिल (Shakti Singh Gohil) की जगह नए प्रभारी की नियुक्ति कर दी है। तो विरोधी खेमा भी सक्रिय हो गया है। पार्टी के इस नाराज, बागी खेमे ने नवनियुक्त प्रभारी भक्त चरण दास (Newly appointed Congess state In Charge Bhakt Charan Das) की प्रस्तावित बिहार यात्रा को देखते हुए उनका स्वागत शिकायतों के साथ खड़े की रणनीति बनाई है।
डेढ़ दर्जन बागियों ने तैयार किया आरोप पत्र
अखिल भारतीय कांग्रेस के तकरीबन डेढ़ दर्जन पुराने सदस्य, कई पूर्व विधायक, विधान पार्षदों के साथ ही अन्य पदाधिकारियों ने आपसी सहमति से एक विस्तृत आरोप पत्र तैयार किया है। बागियों का यह खेमा 11-12 जनवरी के बीच नए प्रभारी के बिहार आने पर उन्हें यह आरोप पत्र सौंपेगा। आरोप पत्र में प्रदेश नेतृत्व के साथ-साथ पूर्व प्रभारी द्वारा की गई गलतियों का लेखा-जोखा है।
आरोप पत्र में कांग्रेस नेतृत्व की गलतियों का लेखा-जोखा
आरोप पत्र तैयार करने वाले बागी खेमा के नेतृत्वकर्त्ता पूर्व विधायक जनार्दन शर्मा बताते हैं कि नाराज नेताओं ने जो आरोप पत्र तैयार किया है उसे ज्ञापन की शक्ल में प्रभारी को सौंपा जाएगा। बताया जाएगा कि विधानसभा चुनाव 2020 में राजद के दबाव में कांग्रेस ने क्या गलतियां की, जिस वजह से उसे पराजय का सामना करना पड़ा। कहां पार्टी ने राजद के दबाव में अपने प्रत्याशी नहीं दिए। किस प्रकार मध्य बिहार में पार्टी राजद के आगे नतमस्तक हो गई। ऐसी तमाम बातें आरोप पत्र में शामिल की गई हैं।
आरोप पत्र में उठाए गए मुद्दे :
* 12 ऐसे नेताओं को सिंबल दिए गए जो पार्टी के सदस्य भी नहीं
* पार्टी ने सिंबल देने के पहले इन्हें सदस्यता ग्रहण क्यों नहीं कराई
* सिंबल देने में पैसों का खेल हुआ, इसकी जांच क्यों नहीं कराई गई
* मध्य बिहार में राजद के दबाव में माले के आगे पार्टी झुक गई
* कई सीटिंग सीटों पर राजद के दबाव में समझौता किस वजह से हुआ
* प्रदेश नेतृत्व में कार्य करने की क्षमता का क्षरण हो चुका है
* कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को अंधेरे में रखकर कर रहे हैं काम
प्रदेश अध्यक्ष बोले :
विरोधी खेमे के आरोप पत्र पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा कहते हैं कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है जहां सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन वैसे शिकायत पत्र का क्या मतलब जो प्रभारी के पहले मीडिया तक पहुंच जाए। डॉ. झा कहते हैं कि बिहार के नवनियुक्त प्रभारी के 11 जनवरी तक बिहार आने की सूचना पार्टी को मिली है। हालांकि उनका आधिकारिक कार्यक्रम अब तक नहीं आया है। वे आएंगे और बागियों से मिलकर खुद तय करेंगे कि आगे उन्हें क्या करना है। इस बारे में उनकी राय का कोई बहुत मतलब नहीं बनता है।