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Bihar Politics: बंगला पर दावेदारी के लिए चिराग पासवान ने खटखटाया चुनाव आयोग का दरवाजा

तारापुर और कुशेश्वरस्थान में उपचुनाव से पहले चुनाव चिह्न को लेकर चिराग पासवान ने चुनाव आयोग में दस्‍तक दी है। आयोग को पत्र लिखकर उन्‍होंने लोजपा के चुनाव चिह्न बंगला पर दावेदारी पेश की है। अब देखना है कि चुनाव आयोग क्‍या फैसला लेता है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 01:01 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 01:01 PM (IST)
Bihar Politics: बंगला पर दावेदारी के लिए चिराग पासवान ने खटखटाया चुनाव आयोग का दरवाजा
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और सांसद चिराग पासवान। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार की दो विधानसभा सीटों (तारापुर और कुशेश्वरस्थान) पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर चिराग पासवान ने एक बार फिर चुनाव आयोग (Election Commission) का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने लोजपा (Lok Janshakti Party) का चुनाव चिह्न (बंगला) पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश करते हुए दूसरे पक्ष (पारस गुट) के दावे को खारिज करने का अनुरोध किया है। पिछली बार विधानसभा चुनाव में दोनों सीटों पर लोजपा के उम्मीदवार थे। चिराग ने इस बार भी दोनों सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इसलिए चिराग ने नामांकन शुरू होने से पहले लोजपा के चुनाव चिह्न पर आयोग से स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया है। 

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चुनाव आयोग से दूसरे पक्ष की दावेदारी खारिज करने की मांग

लोजपा (चिराग गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एके बाजपेयी ने मंगलवार को बताया कि चुनाव आयोग को एक पत्र दिया गया है और लोजपा के चुनाव चिह्न पर किसी दूसरे पक्ष के दावे को दरकिनार करने की मांग की गई है। फिलहाल इस बात का बेसब्री से इंतजार है कि बंगला पर चुनाव आयोग का फैसला किसके पक्ष में आता है। इससे यह भी पता चलेगा कि आयोग लोजपा के किस गुट (चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस) को असली मानता है। 

लोजपा के पांच सांंसदों ने की थी बगावत  

मालूम हो कि लोजपा के पांच सांसदों ने केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्‍व में बगावत कर दी थी। उन्‍होंंने चिराग पासवान को नेता मानने से इंकार कर दिया। हालांकि, इसके बाद चिराग पासवान को भी पार्टी से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया। इधर चिराग पासवान ने भी खुद को राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बताते हुए बगावत करने वाले पांचों सांसदों को निष्‍कासित करने की बात कही थी। अब सबकी नजरें चुनाव आयोग के फैसले पर टिक गई है। मालूम हो कि चिराग पासवान पार्टी में टूट के लिए जदयू को जिम्‍मेदार ठहराते रहे हैं।   


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