Bihar Politics: चिराग की भाजपा परस्ती ने घटाया रामविलास पासवान के प्रति राजद का भक्तिभाव
चिराग पासवान के दिल में भाजपा के प्रति बरकरार आसक्ति ने तेजस्वी यादव को अंगूर खट्टे होने का अहसास करा दिया है। यही कारण है कि पांच जुलाई के करीब आते-आते रामविलास पासवान के प्रति राजद का भक्ति भाव भी पहले की तरह नहीं रह गया है।
अरविंद शर्मा, पटनाः राजद में लोजपा को लेकर अब वैसी बेकरारी नहीं रही, जैसी सप्ताह भर पहले थी। चिराग पासवान के दिल में भाजपा के प्रति बरकरार आसक्ति ने तेजस्वी यादव को अंगूर खट्टे होने का अहसास करा दिया है। यही कारण है कि पांच जुलाई के करीब आते-आते रामविलास पासवान के प्रति राजद का भक्ति भाव भी पहले की तरह नहीं रह गया है। राजद के 25वें स्थापना दिवस पर लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती अब मनेगी तो जरूर लेकिन पहले की तरह श्रद्धा का सर्वथा अभाव रहेगा। घोषणा हो गई है तो बस औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी।
लोजपा में टूट के बाद चिराग और पशुपति कुमार पारस गुट में महाभारत से उत्साहित तेजस्वी यादव को बिहार की सियासत में उलट-फेर की संभावनाएं नजर आने लगी थीं। लिहाजा उन्होंने चिराग पासवान के प्रति हमदर्दी दिखाना शुरू कर दिया था। अपनी ओर से एक कदम आगे बढ़ाते हुए तेजस्वी ने चिराग को बड़े भाई कहा था। भाजपा छोड़कर महागठबंधन में चले आने का न्योता दिया था। जवाब की प्रतीक्षा भी कर रहे थे। इसी क्रम में राजद के स्थापना दिवस की तैयारियों के सिलसिले में बैठक हुई तो एक उत्साहित नेता ने रामविलास पासवान की जयंती मनाने का प्रस्ताव दे दिया। हालांकि तेजस्वी की ओर से सहमति-असहमति का संकेत नहीं दिया गया, लेकिन बाद में उसी वरिष्ठ नेता ने मीडिया में बयान जारी कर दिया कि राजद की ओर से भी पासवान की जयंती मनाई जाएगी। स्थापना दिवस और जयंती समारोह दोनों साथ-साथ होंगे।
तेजस्वी ने भी इसे मौका मान लिया। इसलिए कि उन्हें उम्मीद थी कि लोजपा में टूट-फूट के बाद चिराग के दिल में भाजपा के प्रति जो भाव है, उसमें बदलाव आएगा। महागठबंधन के साथी दलों ने भी इसे अपने लिए मुहूर्त मानकर तेजस्वी का साथ दिया। किंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। भाजपा के प्रति चिराग के लगाव में कोई कमी नहीं आई तो अब राजद का उत्साह भी दम तोड़ता दिख रहा है।
राजद के समाजवादी नेताओं की सूची में पासवान
बदले हालात में राजद की ओर से अन्य समाजवादी नेताओं की तरह रामविलास पासवान की जयंती भी मनाने की औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी। राजद के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हम देशभर के सभी समाजवादी नेताओं की जयंती और पुण्यतिथि मनाते हैैं। उसी सूची में रामविलास पासवान को भी शामिल कर लिया गया है। जयंती दिन पांच जुलाई को कोई समारोह नहीं होगा। सिर्फ एक चित्र रखकर माल्यार्पण की औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी।