बिहार में जदयू नेता पर भड़की भाजपा, कहा- शराब पीकर देते हैं बयान; कार्रवाई करे पार्टी
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता एवं ने जदयू से श्याम बहादुर सिंह पर कार्रवाई की मांग की है। यही नहीं भाजपा नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल पर श्याम बहादुर सिंह द्वारा दिए गए बयान पर सख्त आपत्ति जताई है।
राज्य ब्यूरो, पटना: सिवान जिले के बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह के बयान पर गुरुवार को भाजपा भड़क गई है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन और प्रदेश प्रवक्ता अरविंद सिंह एवं मनोज शर्मा ने जदयू से श्याम बहादुर सिंह पर कार्रवाई की मांग की है। यही नहीं, भाजपा नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल पर श्याम बहादुर सिंह द्वारा दिए गए बयान पर सख्त आपत्ति जताई है। अरविंद सिंह ने पूछा है कि श्याम बहादुर बताएं कि वह जदयू से किन-किन नेताओं को गांधी मैदान में बुलाएंगे। वायरल वीडियो में मीडिया के सवाल पर श्याम बहादुर सिंह कह रहे हैं कि जायसवाल लोगों का शराब बेचना, पीना और पिलाना खानदानी पेशा है। ठंड खत्म होते ही सिवान के गांधी मैदान में वह पियक्कड़ सम्मेलन कराएंगे।
श्याम बहादुर सिंह को पार्टी से निकाले जदयू
राजीव रंजन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल पर शराब बेचने के लगाए आरोपों पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने उन्हें आला दर्जे का शराबी बताया है। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तो दूर किसी सामान्य कार्यकर्ता पर भी अंगुली उठाने की हैसियत नहीं है। शराब से इनका प्रेम इतना अधिक है कि सर्दी के मौसम के बाद इन्होंने गांधी मैदान में 'पियक्कड़ सम्मेलन' कराने का ऐलान भी किया है। डा. जायसवाल पर उनका दिया गया बयान भी नशे की हालत में प्रतीत होता है। जदयू से हमारा आग्रह है कि इस तरह के नेताओं पर लगाम लगाए और पुलिस प्रशासन से इसकी जांच करवाए।
श्याम बहादुर पियक्कड़ सम्मेलन में जदयू से किसे बुलाएंगे
मनोज भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा है कि जदयू के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह या तो सरकार से बहुत ऊपर की चीज हो गए हैं या फिर उन्हें इस बात का एहसास नहीं रहता कि वह क्या कह रहे हैं। उन्होंने सिर्फ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बारे में ही अनाप-शनाप नहीं बोला है अपितु एक समाज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की है। श्याम बहादुर सिंह विधायक रहते हुए जिस तरह से विधायी गरिमा को ठेस पहुंचाई थी, उसी तरह से अब वे बिहार के बड़े नेताओं की भी गरिमा का ख्याल नहीं रख रहे हैं।