क्या लालू यादव फिर जाएंगे जेल, सुशील मोदी की किस बात पर भड़का पूरा कुनबा, आप भी जानिए
Bihar Politics राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव क्या फिर से जेल जाएंगे? क्या सीबीआइ उनकी जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी? भाजपा नेता की इस मांग के मायने क्या हैं आप भी जानिए...
पटना, ऑनलाइन डेस्क। Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव क्या फिर से जेल जाएंगे? क्या सीबीआइ उनकी जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी? लालू यादव का पूरा कुनबा और उनकी पार्टी सुशील मोदी पर इस कदर क्यों भड़की हुई है? इन सारे सवालों का जवाब भाजपा के वरिष्ठ नेता राज्यसभा के सदस्य और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की टिप्पणी में है। सुशील मोदी ने सीबीआई से मांग की है कि लालू की जमानत याचिका के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई जाए। इसके बाद ही लालू की बेटी रोहिणी आचार्य, वरिष्ठ राजद नेता शिवानंद तिवारी सहित अन्य नेताओं ने मोदी को काफी कुछ भला-बुरा कहा है।अब आप जानिए कि मोदी की मांग में कितना दम है...
सुशील मोदी ने सीबीआइ के तर्क को ही बनाया है आधार
भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने सीबीआइ के उसी तर्क को आधार बनाया है, जिसे खुद सीबीआइ के वकील ने लालू की जमानत का विरोध करते हुए झारखंड की रांची हाईकोर्ट में रखा था। सीबीआइ ने कोर्ट में कहा था कि लालू ने अपनी आधी सजा पूरी होने के आधार पर जमानत याचिका लगाई है, जबकि उनकी आधी सजा पूरी होने में अभी करीब तीन साल बाकी हैं।
सीबीआइ के मुताबिक लालू को हुई है 14 साल की सजा
सीबीआइ ने रांची हाईकोर्ट में कहा था कि लालू को सात-सात साल की दो सजाएं हुई हैं। कोर्ट के आदेश में इस बात का जिक्र है कि दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। इस तरह उन्हें लगातार 14 साल जेल में रहना है। 14 साल की सजा का आधा 7 साल होता है। जबकि लालू अभी करीब साढ़े तीन साल की सजा ही काट पाए हैं। हालांकि हाईकोर्ट ने सीबीआइ की इस दलील को स्वीकार नहीं किया। अब देखना यह है कि क्या सीबीआइ वाकई इस मामले को लेकर अपील में जाती है।
बकौल सुशील मोदी ये है लालू की सजा का गणित
सुशील कुमार मोदी के मुताबिक लगभग एक हजार करोड़ रुपए के चारा घोटाले के चार मामलों में लालू को अलग-अलग सजा हुई है। कोर्ट ने सभी सजाएं एक साथ चलाने का आदेश नहीं दिया। इसलिए जब तक वे एक सजा पूरी नहीं कर लेते, उनकी दूसरी सजा शुरू ही नहीं होगी। ऐसे में तीन मामलों में लालू को सजा काटना अभी बाकी है। मोदी ने कहा है कि सीआरपीसी की धारा 427 के आधार पर सीबीआइ को लालू की जमानत रद करने के लिए चुनौती देनी चाहिए।
लालू के लिए एक चुनौती और है
लालू प्रसाद यादव को फिलहाल दुमका कोषागार से जुड़े चारा घोटाले के मामले में जमानत मिली है। उनके खिलाफ झारखंड के डोरंडा कोषागार से जुड़ा घोटाले का मामला अभी ट्रायल में है। कोरोना वायरस महामारी के कारण इसके ट्रायल पर असर पड़ा है, लेकिन इस मामले में भी फैसला जल्द ही आने की उम्मीद है।