डायबिटीज-हाइपरटेंशन के कसते शिकंजे से राहत के लिए पटना के आरएमआरआइ में शोध शुरू
Medical Research News मेडिकल रिसर्च रुरल हेल्थ यूनिट के तहत शुरू किया गया कार्यक्रम डायबिटीज और हाइपर टेंशन के मामलों में वृद्धि के कारणों के साथ मुजफ्फरपुर क्षेत्र में ज्यादा होने वाले अन्य रोगों और खून की कमी से पीडि़त गर्भवती महिलाओं को बचाने के उपाय भी खोजेंगे वैज्ञानिक
पटना, जागरण संवाददाता। शहरीकरण की रफ्तार बढ़ने के साथ-साथ डायबिटीज और हाइपरटेंशन के रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि शहरी क्षेत्र के करीब 20 और ग्रामीण क्षेत्र के 11 फीसद लोग मधुमेह रोग की चपेट में आ चुके हैं। वहीं शहरी क्षेत्र के करीब 20 फीसद और ग्रामीण क्षेत्र के 12 फीसद लोग हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप की दवा खा रहे हैं। इनकी संख्या में हर वर्ष इजाफा हो रहा है। इसके कारणों को खोजने के लिए भारत सरकार ने एमआरएचआरयू (मेडिकल रिसर्च रुरल हेल्थ यूनिट) प्रोजेक्ट शुरू किया है। बिहार में इसकी जिम्मेदारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की बिहार स्थित शाखा राजेंद्र मेमोरियल अनुसंधान संस्थान (आरएमआरआइ) को सौंपी गई है। आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय ने शुक्रवार को मुजफ्फरपुर जाकर इसकी शुरुआत की।
कई और बीमारियों पर भी शोध करेंगे वैज्ञानिक
वैज्ञानिक डायबिटीज और हाइपर टेंशन के मामलों में वृद्धि के कारणों के साथ मुजफ्फरपुर क्षेत्र में ज्यादा होने वाले अन्य रोगों और खून की कमी से पीडि़त गर्भवती महिलाओं को बचाने के उपाय भी खोजेंगे। वैज्ञानिकों के शोध का मुख्य बिंदु होगा कि कुछ समय पहले तक शहरी क्षेत्र के रोग माने जाने वाले मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मामले अब ग्रामीण क्षेत्रों में क्यों बढ़ रहे हैं। प्रदेश में मातृ मृत्युदर का एक बड़ा कारण गर्भवती के शरीर में खून की कमी होती है। इस कारण हर वर्ष तमाम माताएं और शिशु की मौत हो जाती है। इसकी रोकथाम के लिए एनीमिया प्रेगनेंसी पर शोध कर इसके निवारण के उपाय खोजे जाएंगे।
कुढऩी पीएचसी के कैंपस में बनेगा सेंटर
मुजफ्फरपुर के कुढऩी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल रिसर्च रुरल हेल्थ यूनिट को स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए भवन निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। इसके बनने के बाद यही से वैज्ञानिक पूरे प्रदेश में हाइपरटेंशन और मधुमेह के बढऩे के कारणों की तलाश कर उसका समाधान पर खोजेंगे।