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बिहार में नल जल योजना का काम इसी महीने करना होगा पूरा, पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों को दिया निर्देश

योजना में दक्षिणी बिहार के हिस्से में सबसे अधिक काम पटना जिला में पेंडिंग है। पंचायती राज निदेशक की समीक्षा बैठक में बताया गया कि पटना जिला के 57 वार्डों में काम पूरा नहीं हुआ है। इस मद में जरूरी राशि का आवंटन कर दिया गया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 09:20 AM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 09:20 AM (IST)
बिहार में नल जल योजना का काम इसी महीने करना होगा पूरा, पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों को दिया निर्देश
बिहार के गांवों में नल जल योजना को तेजी देने में जुटी सरकार। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Nal Jal Yojana: बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग ने हर घर नल का जल योजना के बचे हिस्से को इस महीने के अंत तक पूरा करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पिछली समीक्षा बैठक में बताया गया था कि पंचायती राज विभाग के हिस्से का अधिकांश काम पूरा हो चुका है। शेष कार्य भी जल्द पूरे हो जाएंगे। पंचायती राज विभाग ने यह आदेश मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के संदर्भ में दिया है। इस योजना में दक्षिणी बिहार के हिस्से में सबसे अधिक काम पटना जिला में पेंडिंग है। पंचायती राज निदेशक की समीक्षा बैठक में बताया गया कि पटना जिला के 57 वार्डों में काम पूरा नहीं हुआ है। इस मद में जरूरी राशि का आवंटन कर दिया गया है। दूसरे नम्बर पर गया है, जहां के 26 वार्डों में काम नहीं हुआ है। कैमूर के सात, भोजपुर के 12, औरंगाबाद के 11 और नवादा जिले के पांच वार्डों का बचा हुआ काम इसी महीने पूरा होना है। लखीसराय के दो वार्डों में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने से काम बाधित है।

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नल जल विहीन बसावट की मांगी सूची

जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को कहा गया है कि वे उन बसावटों की पहचान करें, जहां नल जल योजना के तहत जलापूर्ति नहीं हो रही है। ऐसी बसावटों को नजदीक के वार्ड से जोडऩे की सलाह दी गई है। पंचायती राज निदेशक ने योजना के दायरे से बाहर रह गए टोले-मोहल्ले की सूची मांगी है।

शुल्क की नहीं हो रही वसूली

रखरखाव के लिए हरेक उपभोक्ता से प्रतिमाह 30 रुपये का शुल्क निर्धारित है। भोजपुर औैर लखीसराय से अब तक वसूली गई राशि जमा नहीं की गई है। बांका और शेखपुरा जिले में उपभोक्ताओं से राशि वसूली ही नहीं गई है। हरेक घर का नाम कनेक्शन रजिस्टर में दर्ज करने की रफ्तार बेहद धीमी है। उपभोक्ता शुल्क की वसूली न होने से बिजली के बकाये का भुगतान कई जिलों में बाधित है।


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