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पंचायत चुनाव लड़ना है तो तुरंत लगवा लें कोरोना का टीका नहीं तो पड़ेगा पछताना; बिहार सरकार बदल रही नियम

Bihar Panchayat Election पंचायत चुनाव लडऩा है तो ले लीजिए टीका प्रत्याशियों को नामांकन के वक्त देना पड़ सकता है वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पंचायती राजद विभाग चुनाव आयोग को सिफारिश करने पर कर रहा विचार अभी नहीं चेते तो बाद में पड़ेगा पछताना

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 06:05 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 06:07 AM (IST)
पंचायत चुनाव लड़ना है तो तुरंत लगवा लें कोरोना का टीका नहीं तो पड़ेगा पछताना; बिहार सरकार बदल रही नियम
बिहार में पंचायत चुनाव लड़ने को इच्‍छुक लोग जरूर जान लें ये बात। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, रमण शुक्ला। Bihar Panchayat Chunav 2021: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे लाखों दावेदारों को यह खबर सतर्क करने वाली है। नामांकन के वक्त आपसे कोरोना टीके लगवाने का सर्टिफिकेट मांगा जा सकता है। अगर उस वक्त तक आपने टीके नहीं लगवाए हैं, तो चुनाव लडऩे से वंचित किए जा सकते हैं। पंचायती राज विभाग के स्तर पर ऐसा प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। बस, सरकार की मंजूरी का इंतजार है। उसके बाद यह प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग के पास भेजा जाएगा। सरकार मंजूरी मिलते ही लागू हो जाएगा। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायती राज विभाग जनहित में कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर प्रत्याशियों से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेने पर भी विचार कर रहा है। सरकार के स्तर सहमति बनते ही आयोग से सिफारिश की जाएगी।

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पंचायत चुनाव में इस बार दिखेंगी कई नई चीजें

पंचायत चुनाव में इस बार कई नवाचार की कवायद शुरू है। ईवीएम से पहली बार मतदान कराने के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन को बढ़ावा देना भी है। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए एहतियातन तैयारियां जारी हैं। इसी में नामांकन के वक्त वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेने की पहल भी शामिल है।

गांवों में भ्रांतियों को दूर करने में मददगार होगी पहल

दरअसल, गांवों में अभी कोरोना के टीके को लेकर बहुत तरह की भ्रांतियां हैं। जागरूकता के अभाव में आम लोग टीके लगवाने से परहेज कर रहे हैं। अभी भी त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था में वार्ड सदस्य, पंच, सरपंच, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के 2.50 लाख सदस्यों में हजारों जनप्रतिनिधियों ने खुद भी टीके नहीं लगवाए हैं।

पिछले पंचायत चुनाव में 10 लाख लोगों ने आजमाई थी किस्‍मत

बता दें कि पिछले पंचायत आम चुनाव में 10 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था। इस बीच गांवों एवं पंचायतों से शिकायतें आ रही हैं कि वैक्सीनेशन टीम को जनप्रतिनिधियों का पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है। पंचायत चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा खतरा प्रचार के क्रम में है। नामांकन के बाद प्रत्याशियों का घर-घर में घूमना होगा। ऐसे में वे अनजाने में कोरोना संक्रमण की वजह बन सकते हैं। इसी खतरे को कम करने की तैयारी है। विभाग के स्तर पर चुनाव लडऩे के इच्छुक लोगों के लिए टीका लगवाना अनिवार्य करने की पहल की जा रही है।


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