Bihar Panchayat Chunav 2021: चुनाव लड़ने की पात्रता गंवा सकते हैं 204 मुखिया, वार्ड सदस्य भी जद में
Bihar Panchayat Chunav 2021बिहार में त्रिस्तरीय पंचायती राज में इस बार पटना जिले के करीब 204 मुखिया चुनाव लड़ने की पात्रता गंवा सकते हैं। कार्रवाई की जद में करीब सौ से अधिक वार्ड सदस्य भी आ सकते हैं।
जागरण संवाददाता, पटना: त्रिस्तरीय पंचायती राज में इस बार पटना जिले के करीब 204 मुखिया चुनाव लड़ने की पात्रता गंवा सकते हैं। वित्तीय गड़बड़ी और समय पर योजना मद की राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने की स्थिति में कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। कार्रवाई की जद में करीब सौ से अधिक वार्ड सदस्य भी आ सकते हैं।
पटना जिले में कुल 322 पंचायतों में वर्ष 2016 में चुनाव हुए थे। इस बार 13 पंचायत शहरी क्षेत्र में शामिल होने के कारण मुखिया का पद घटकर 309 हो जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने वित्तीय अनियमितता तो पंचायती राज विभाग ने सात निश्चय की योजना पूरी नहीं करने वालों को चुनाव लड़ने से रोकने का संकेत दे दिया है। पंचायती राज विभाग ने 31 मार्च तक सभी पंचायतों का वित्तीय अंकेक्षण का रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। अंकेक्षण रिपोर्ट सौंपने की मियाद बीतने के बाद भी मात्र 105 पंचायतों का ही अंकेक्षण रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हुआ है। शेष 217 पंचायत का अंकेक्षण पूरा नहीं हुआ।
नाली-गली पक्कीकरण के लिए राशि आवंटित की गई थी
जिले में कुल 4354 पंचायत वार्ड सदस्यों का चुनाव हुआ था। सभी वार्ड में सात निश्चय के तहत हर घर नल-जल योजना की मंजूरी दी थी। इसी तरह नाली-गली पक्कीकरण के लिए राशि आवंटित की गई थी। पंचायती राज विभाग को शिकायत मिली है कि जिले के कतिपय मुखिया ने वित्तीय अनुशासन को तोड़कर निर्धारित मद से इतर पैसे खर्च किए हैं। वित्तीय अनियमितता में नौबतपुर के अजवां पंचायत के मुखिया की कुर्सी चली गई। मुखिया की जिम्मेदारी उप-मुखिया को मिली तो उनके खिलाफ भी शिकायत आ रही है। पंडारक प्रखंड के दरबे भदौर पंचायत के मुखिया के खिलाफ शिकायत मिली है कि निर्धारित मद के विपरीत राशि खर्च किया है। जिले में करीब 101 वार्डों में नल-जल की योजनाएं पूरी नहीं की जा सकी। इसमें कुछ कार्य राशि के अभाव में अधूरा रह गया है। एक वार्ड सदस्य के निधन के कारण कार्य पूरा नहीं हुआ तो जमीन के अभाव में पांच वार्ड नल-जल योजना के लाभ से वंचित रह गए।
अंकेक्षण और राशि का डायवर्जन गंभीर मामला
पटना जिला पंचायत पदाधिकारी सुषमा कुमारी ने बताया कि अंकेक्षण और राशि का डायवर्जन गंभीर मामला है। दोनों मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। वित्तीय मामले में सर्टिफिकेट केस की तैयारी है। नीलाम वाद चलाकर पैसे की वसूली की जाएगी। इसमें कुछ पुराने मुखिया भी फंसेंगे। अंकेक्षण रिपोर्ट के लिए स्मार पत्र दिया गया है। इसके बाद नियमानुसार कानूनी कार्रवाई होगी।