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Bihar News: तालाब, सोख्ता और रेनवाटर हार्वेस्टिंग संरचना के रख-रखाव के लिए बनेगी पालिसी

नए विकसित व जीर्णोद्धार के बाद नए सिरे से अस्तित्व में आए तालाब सार्वजनिक कुंआ व सोख्ता आदि के रख-रखाव के लिए संबंधित विभाग के स्तर पर पालिसी बनायी जाएगी। इस बारे में सभी विभागों को परामर्श दिया गया है।

By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Prateek JainPublished: Sun, 08 Jan 2023 10:58 PM (IST)Updated: Sun, 08 Jan 2023 10:58 PM (IST)
Bihar News: तालाब, सोख्ता और रेनवाटर हार्वेस्टिंग संरचना के रख-रखाव के लिए बनेगी पालिसी
तालाब, सार्वजनिक कुंआ व सोख्ता आदि के रख-रखाव के लिए संबंधित विभाग के स्तर पर पालिसी बनायी जाएगी।

पटना, राज्य ब्यूरो: नए विकसित व जीर्णोद्धार के बाद नए सिरे से अस्तित्व में आए तालाब, सार्वजनिक कुंआ व सोख्ता आदि के रख-रखाव के लिए संबंधित विभाग के स्तर पर पालिसी बनायी जाएगी। इस बारे में सभी विभागों को परामर्श दिया गया है। जल-जीवन-हरियाली के तहत हाल के दिनों में जिन संरचनाओं का निर्माण जिस महकमे की देखरेख में हुआ है उसके रख-रखाव की जिम्मेवारी संबंधित विभाग की होगी।

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11 हजार से अधिक तालाबों का हो चुका है जीर्णोद्धार

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अब तक 11,236 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा चुका है। इनमें बड़े आकार वाले तालाबों की भी अच्छी संख्या है। इनमें बहुत सारे तालाब मनरेगा के माध्यम से भी नए सिरे से विकसित हुए हैं। इनकी सैरात के रूप में बंदोबस्ती भी हुई है। इन तालाबों के रख रखाव के लिए ग्रामीण विकास विभाग को अपने स्तर से पालिसी बनानी है। इस क्रम मे यह देखा जाना है कि तालाब का अतिक्रमण नहीं हो। इन तालाबों के किनारे पर्यटन के लिहाज से जो संरचनाएं बनी हैं, उनका भी नियमित रूप से रख रखाव होता रहे। तालाब में कोई कूड़ा-कचरा या अन्य अपशिष्ट नहीं फेंके इसके लिए भी तालाब के रख-रखाव नीति में प्राविधान किया जाएगा।

कुंए की उड़ाही व चापाकल के किनारे बने सोख्ता का भी रख-रखाव

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अब तक अब तक 1.18 लाख चापकलों के समीप सोख्ता का निर्माण कराया जा चुका है। इसके पीछे यह तकनीक है कि चापाकल से निकला पानी सीधे सोख्ता में जाए, जिससे भूजल स्तर ठीक रहे। सोख्ता का रख-रखाव स्थानीय स्तर पर एक नीति के माध्यम से जिला प्रशासन कराएगा। इसके तहत यह देखना है कि सोख्ता के लिए बने टंकीनुमा संरचना दुरुस्त रहे। अगर यह कहीं से टूटता-फूटता है तो पंचायत के स्तर पर इसकी सूचना दी जाए और तुरंत उसकी मरम्मत करा लिया जाए।

इसी तरह 34852 कुंओं का जीर्णोद्धार किया गया है। ये सार्वजनिक कुएं हैं। इनके रख रखाव के लिए नीति तो बननी ही है साथ ही साथ नियमित रूप से इनका रख रखाव किया जाना है। चेक डैम भी बनाए गए हैं। इनके रख रखाव के लिए जल संसाधन विभाग को नीति बनानी है। रेनवाटर हार्वेस्टिंग के तहत बनी संरचना के रख रखाव की जिम्मेदारी उस महकमे को दी जानी है जहां उसका निर्माण कराया गया है। अब तक 13672 सरकारी भवनों पर इस तरह की संरचना का निर्माण कराया जा चुका है।

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