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Bihar News: उपेन्द्र कुशवाहा बोले-जार्ज-नीतीश की कृपा नहीं हुई रहती तो आज भाजपा का कोई अता-पता नहीं रहता

Bihar politics बिहार में बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही भाजपा और जदयू के बीच सियासी बयानबाजी चालू है। जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सुशील मोदी के बयान पर पलटवार किया है।

By Rahul KumarEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 07:24 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 07:24 PM (IST)
Bihar News: उपेन्द्र कुशवाहा बोले-जार्ज-नीतीश की कृपा नहीं हुई रहती तो आज भाजपा का कोई अता-पता नहीं रहता
जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, पटना । बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी और जदयू के बीच वार पलटवार का चालू है। जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के उस बयान पर घोर आपत्ति जताई है जिसमें मोदी ने कहा है कि जदयू का राजद में विलय हो जाएगा। कुशवाहा ने कहा कि सुशील मोदी का यह बयान अत्यंत आपत्तिजनक ही नहीं बल्कि अपमानजनक भी है। 

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कुशवाहा का बीजेपी पर पलटवार

भाजपा के नेता लगातार गलबज्जा कर रहे हैं कि भाजपा ने हमारी पार्टी और हमारे नेता नीतीश कुमार पर बड़ी कृपा की और केंद्र में मंत्री बनाया, मुख्यमंत्री बनाया। कुशवाहा ने भाजपा नेताओं को याद दिलाते हुए कहा है कि जरा याद करें, वर्ष 1995-96 के पहले का अपना इतिहास। तब देश में भाजपा एक अछूत पार्टी के रूप में जानी जाती थी। कोई भी दल भाजपा और उसके नेताओं से दोस्ती नहीं करना चाहता था। ठीक उसी दौर में आपके लिए फरिश्ता बन कर आए समता पार्टी के तत्कालीन नेता जार्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार, जिन्होंने ने भाजपा के मुम्बई अधिवेशन में भाग लिया और तब समता पार्टी से गठबंधन की नींव पड़ी। भाजपा अछूत से छूत बनी। तब अगर जॉर्ज-नीतीश की कृपा नहीं हुई रहती न, तो आज भाजपा और उसके नेता का कोई अता-पता नहीं रहता।

फिर भी भाजपा के बयानवीरों ने कृतघ्नता की सीमा पार गए। जरा सा भी कुछ बचा हो आपके अंदर तो याद कीजिए 1995-96 के अपने इतिहास को। ऐसे देश जानता है कि आपकी पार्टी जब देश का इतिहास ही बदलने की घृणित कोशिश में लगी है तो पार्टी का इतिहास भूल गए तो कौन सी बड़ी बात हो गई।

गौरतलब है कि बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा था कि यह बात हजम नहीं होगी कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी बचाने के लिए फिर लालू प्रसाद की शरण में गए। जदयू न तो राजद- कांग्रेस जैसा वंशवादी है, न भाजपा की तरह संगठन आधारित। राज्यसभा सांसद ने यह कहा था कि नीतीश कुमार के बाद जदयू का कोई भविष्य नहीं है। यह पार्टी राजद में विलय करेगी या विलीन हो जाएगी।


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