बिहार में सड़कों के किनारे लगे पेड़ों की बचाने की पहल, पक्का निर्माण की बजाय लगेंगे पेवर ब्लॉक्स
बिहार के शहरी इलाकों में बन रही सड़कें अब पेड़-पौधों और हरियाली के लिए काल नहीं बनेंगी। इसके लिए सरकार ने विशेष नीति बनाई है। वायु प्रदूषण कम करने और पेड़ों की रक्षा के लिए सरकारी भवनों एवं सड़कों किनारे पक्का पेवमेंट की बजाय अब पेवर ब्लॉक बनाए जाएंगे।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के शहरी इलाकों में बन रही सड़कें अब पेड़-पौधों और हरियाली के लिए काल नहीं बनेंगी। इसके लिए सरकार ने विशेष नीति बनाई है। बिहार के शहरों में वायु प्रदूषण कम करने और पेड़ों की रक्षा के लिए सरकारी भवनों एवं सड़कों किनारे पक्का पेवमेंट की बजाय अब पेवर ब्लॉक बनाए जाएंगे। भवन निर्माण विभाग ने प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के निर्देश के बाद इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
पक्का निर्माण होने से जड़ों को नहीं मिल पाता था पानी
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने हाल ही में भवन निर्माण विभाग को एक पत्र भेज जानकारी दी थी कि सरकारी भवनों के आसपास जो वृक्ष हैं उनके आसपास पक्का पेवमेंट का निर्माण कराया जा रहा है। जिसकी वजह से वृक्षों का पानी नहीं मिल रहा। पर्षद की ओर से आग्रह किया गया था कि प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए आवश्यक है कि पेड़ों के इर्द-गिर्द पेवर ब्लॉक बनाए। ताकि पेड़ों का पर्याप्त पानी मिल सके और वृक्षों को हरा-भरा मजबूत रखने के साथ ही प्रदूषण स्तर को भी कम किया जा सके।
फुटपाथ पर पक्का निर्माण की बजाय पेवर ब्लॉक लगाने को तरजीह
भवन निर्माण विभाग के साथ पथ निर्माण विभाग को सड़कों किनारे फुटपाथ पर पड़ने वाले पेड़ों की रक्षा के लिए पक्के फुटपाथ में पेड़ों के आसपास पेवर ब्लॉक बनाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने कहा है कि पेड़ों के तने से कम से कम दो फीट दूरी पर चारों ओर जगह को खाली रखा जाए और फुटपाथ के स्लोप को इस प्रकार रखा जाए कि वर्ष का जल वृक्षों क जड़ों तक पहुंच सके।