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Nitish Cabinet Decision: नीतीश कैबिनेट की बैठक में फैसला, जल-जीवन-हरियाली अभियान को दो वर्ष का विस्तार

Nitish Cabinet Decision महागठबंधन सरकार के नए मंत्रियों के शपथ लेने के बाद मंगलवार को नीतीश सरकार की दूसरी कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में एक एजेंडे पर मुहर लगी। जल जीवन हरियाली अभियान दो साल का विस्तार दिया गया है।

By Rahul KumarEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 08:03 PM (IST)
Nitish Cabinet  Decision: नीतीश कैबिनेट की बैठक में फैसला, जल-जीवन-हरियाली अभियान को दो वर्ष का विस्तार
कैबिनेट की बैठक में सीएम नीतीश, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी व अन्य। जागरण

राज्य ब्यूरो, पटना ।प्रदेश की नई सरकार ने मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में जल-जीवन-हरियाली योजना को दो वर्ष का विस्तार देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया। राजभवन में मंगलवार को सरकार के सभी मंत्रियों के शपथ समारोह के बाद शाम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। महागठबंधन सरकार की यह दूसरी मंत्रिमंडल की बैठक थी, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री  तेजस्वी यादव के साथ सभी मंत्री मौजूद रहे। बैठक में एक प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई। 

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  • मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में एक प्रस्ताव पर लगी मुहर
  •  मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री समेत मौजूद रहे सभी नवनियुक्त मंत्री 

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत 2019-20 में हुई थी, जिसकी मियाद तीन वर्ष की थी। मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस अभियान के विस्तारीकरण और कार्यान्वयन का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। अब यह मिशन 2024-25 तक चलेगा। इस दौरान जो कार्य छूट गए हैं, उनका कार्यान्वयन किया जाएगा। 

अपर मुख्य सचिव के अनुसार 2022-23 और 2024-25 पर होने वाले अनुमानित खर्च के लिए मंत्रिमंडल ने कुल 12568.97 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं, जबकि प्रशासनिक मद पर होने वाले खर्च के लिए 37.38 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। विस्तारीकरण के बाद योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 5222 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि 2023-24 में 3668 करोड़ और 2024-25 में 3677 करोड़ रुपये खर्च होंगे।  

सिद्धार्थ ने बताया कि पूर्व में जब योजना स्वीकृत की गई, उस दौरान 24500 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया था, जिसमें 7376 करोड़ रुपये व्यय किए गए। उस दौरान लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने 31.60 करोड़, जल संसाधन विभाग ने 3175 करोड़ रुपये खर्च किए। जल संचयन योजना के तहत सरकारी भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर 55 करोड़ रुपये खर्च किए गए। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने 203 करोड़, कृषि विभाग ने 354 करोड़ जबकि वन, पर्यावरण विभाग ने 947 करोड़ रुपये व्यय किए।


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