उपेंद्र कुशवाहा बोले, हाईकोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण, भाजपा व केंद्र की साजिश से टला निकाय चुनाव
Bihar Politics बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव पर पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद सियासत शुरू हो गई है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला बोला है।
पटना, आनलाइन डेस्क। बिहार में नगर निकाय चुनाव (Bihar Municipal Elections 2022) पर पटना हाईकोर्ट के फैसले पर सियासत शुरू हो गई है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) ने गहरी नाराजगी जताई है। इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे केंद्र सरकार और भाजपा (Central Government and BJP) की साजिश का परिणाम बताया है। कहा है कि यह आरक्षण समाप्त करने की कोशिश है। इसके खिलाफ जदयू (JDU) आंदोलन करेगा। शीघ्र ही कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।
आरक्षण समाप्त करने की साजिश का परिणाम
वीडियो जारी कर कुशवाहा ने कहा है कि पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) का जो फैसला हुआ है नगर निकाय चुनाव में पिछड़ा का आरक्षण समाप्त होना चाहिए और समाप्त करके फिर से आयोग नोटिफिकेशन जारी करे, तब चुनाव कराया जाए, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र सरकार और भाजपा की गहरी साजिश का यह परिणाम है। आरक्षण जो मिला हुआ है या विभिन्न राज्यों में देने की बात चल रही है पंचायती राज और निगर निकायों में, कोर्ट ने कहा है तीन टेस्ट से जांचने की जरूरत है तब आरक्षण दिया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार नहीं करा रही जातियों की गिनती
कुशवाहा ने कहा है कि जाति की गिनती का आंकड़ा तत्काल अनिवार्य है। केंद्र सरकार जाति की गिनती नहीं करवा रही है। समय पर केंद्र सरकार ने जातियों की गिनती करा ली होती और तीन टेस्ट की जांच प्रक्रिया पूरी हो जाती तो आज यह स्थिति नहीं आती। आरक्षण चलता रहता और समय पर चुनाव हो जाता। लेकिन भाजपा और केंद्र सरकार जो चाह रही है कि पिछड़ों-दलितों का आरक्षण समाप्त हो, उसी की कोशिश का यह परिणाम है।
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा लगातार भाजपा और केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग के आरोप के साथ ही कोलेजियम सिस्टम का वे लगातार विरोध करते रहते हैं।