राज्य ब्यूरो, पटना : इस बार का नगर निकाय चुनाव बिल्कुल नया होगा। पहली बार राज्य के नगर निगम में मेयर-डिप्टी मेयर और नगर परिषद व नगर पंचायतों में मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद का चुनाव जनता के प्रत्यक्ष वोटों से होना है। पहले के चुनावों में जनता सिर्फ एक वोट देकर पार्षद चुनती थी। मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव जीते हुए पार्षद अपने बीच से करते थे मगर इस बार ऐसा नही होगा। इस बार एक वोटर को तीन वोट देने का अधिकार होगा। एक वोट पार्षद, एक वोट डिप्टी मेयर या मुख्य उप पार्षद और एक वोट मेयर या मुख्य पार्षद के लिए।
नई प्रक्रिया के लिए मतदान केंद्रों पर तीन-तीन ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा। तीन पदों के लिए होने वाले मतदान के लिए मतदाता भ्रमित न हों, इसके लिए तीन अलग-अलग रंगों के बैलेट पेपर यानी मतदाता पत्र होंगे। पीले रंग के मतपत्र से मेयर या मुख्य पार्षद का चुनाव होगा। आसमानी रंग के बैलेट पेपर के माध्यम से डिप्टी मेयर या उप मुख्य पार्षद का चुनाव होगा। वहीं सफेद रंग के मतपत्र का इस्तेमाल वार्ड पार्षद के चुनाव के लिए होगा।
हार्स ट्रेडिंग पर लगेगी रोक
मेयर-डिप्टी मेयर और मुख्य पार्षद-उप मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे जनता के वोट से होने से अमूमन चुनाव के बाद होने वाली हार्स ट्र्रेडिंग पर रोक लेगी। मेयर व डिप्टी मेयर पार्षदों के मतदान के भरोसे नहीं होंगे, वह सीधे जनता के प्रति जवाबदेह होंगे। ऐसे में वह बतौर मेयर-डिप्टी मेयर बिना पार्षदों के वोट की चिंता के निर्णय ले सकेंगे। पार्षद भी अपना समर्थन देने या वापस लेने के नाम पर सौदेबाजी नहीं कर सकेंगे।
इस तरह हटाए जा सकेंगे मेयर-डिप्टी मेयर
नए प्रविधान के तहत यदि कोई मेयर-डिप्टी मेयर बिना समुचित कारण के तीन लगातार बैठकों में अनुपिस्थत रहता है, या जान बूझकर कर्तव्यों को उपेक्षित या इन्कार करता है, तो उसे स्पष्टीकरण मांगकर समुचित अवसर देते हुए पद से हटाया जा सकेगा। इसके अलावा किसी आपराधिक मामले में अभियुक्त होने पर छह माह से अधिक फरार होने या शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम होने पर भी उक्त नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकेगी। इस तरह हटाया गया मेयर-डिप्टी या मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद नगरपालिका की शेष अवधि के दौरान पुन: निर्वाचन का पात्र नहीं होगा। नए निर्वाचन के बाद चुना गया मेयर-डिप्टी मेयर भी शेष बचे कार्यकाल तक ही अपने पद पर रहेगा।