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Bihar MLC Election: नौ विधान पार्षदों के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ, सबकुछ ठीक रहा तो मिल जाएंगे जीत के सर्टिफिकेट

Bihar MLC Election में गुरुवार को नामांकन के अंतिम समय तक नौ सीटों के लिए सिर्फ नौ प्रत्याशियों ने ही पर्चा भरा। स्‍क्रूटनी में सबकुछ ठीक रहा तो सभी निर्विरोध विजयी हो जाएंगे।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 09:17 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 11:40 PM (IST)
Bihar MLC Election: नौ विधान पार्षदों के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ, सबकुछ ठीक रहा तो मिल जाएंगे जीत के सर्टिफिकेट
Bihar MLC Election: नौ विधान पार्षदों के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ, सबकुछ ठीक रहा तो मिल जाएंगे जीत के सर्टिफिकेट

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar MLC Election) में गुरुवार को नामांकन के अंतिम समय तक नौ सीटों के लिए सिर्फ नौ प्रत्याशियों ने ही पर्चा भरा। इसमें विधायकों की संख्या के हिसाब से राजद ने तीन, जदयू ने तीन, भाजपा ने दो और कांग्रेस ने एक प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। अब नामांकन पत्रों की जांच शुक्रवार को होगी, जबकि नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 29 जून है। पर्चा वापस लेने के अंतिम दिन तक किसी प्रत्याशी ने नामांकन पत्र वापस नहीं लिया तो चुनाव आयोग सभी उम्मीदवारों को निर्विरोध विजयी घोषित कर देगा। अगर किसी कारणवश जरूरत पड़ी तो छह जुलाई को वोटिंग होगी।

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बता दें कि एक विधान परिषद सीट जीतने के लिए 25 विधायकों के वोट चाहिए। मौजूदा समय में संख्या बल के हिसाब से जदयू के पास 70, भाजपा के पास 54 और लोजपा के पास दो विधायक हैं। वहीं, राजद के 80 और कांग्रेस के 26 विधायक हैं। सीपीआइ एमएल के तीन, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के एक, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के एक और पांच निर्दलीय विधायक हैं।

महत्वपूर्ण यह है कि विधायकों के आंकड़े को देखते हुए प्रमुख दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी उतारे हैं। राजद की ओर से सुनील सिंह, रामबली सिंह चंद्रवंशी और फारुख शेख मैदान में हैं। वहीं, कांग्रेस ने समीर सिंह को उतारा है। जदयू ने गुलाम गौस, कुमुद वर्मा और भीष्म साहनी को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा की ओर से संजय प्रकाश ऊर्फ संजय मयूख और सम्राट चौधरी प्रत्याशी बनाए गए हैं। 

गौरतलब है कि नौ सीटों के बाद अब 12 सीटों के लिए भी मनोनयन होना है। ये 12 सीटें राज्‍यपाल के कोटे से भरी जाएंगी। इसमें जदयू और भाजपा के ज्‍यादातर लोगों के जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि मंत्री अशोक चौधरी को राज्‍यपाल कोटे से भेजा जा सकता है। उनका कार्यकाल अक्‍टूबर में खत्‍म होने वाला है। सबसे रोचक मामला हुआ तारिक अनवर के साथ। कांग्रेस ने बुधवार को उनके नाम की घोषणा कर दी थी। तकनीकी कारणों से उनका नाम कट गया। इसके बाद अानन-फानन में कांग्रेस के कार्यकारी अध्‍यक्ष समीर कुमार सिंह को उम्‍मीदवार बनाया गया। और अंतिम पल में उन्‍होंने अपना नामांकन आज किया। 


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