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Bihar Lok Sabha Election 2019 : पब्लिक की डिमांड में हैं नीतीश, सुशील मोदी और तेजस्वी, जानिए

बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए चल रहे चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और नेता प्रतिपक्ष आजकल अॉन डिमांड हैं। जानिए अन्य नेताओं के बारे में....

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 08:52 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 05:46 PM (IST)
Bihar Lok Sabha Election 2019 : पब्लिक की डिमांड में हैं नीतीश, सुशील मोदी और तेजस्वी, जानिए
Bihar Lok Sabha Election 2019 : पब्लिक की डिमांड में हैं नीतीश, सुशील मोदी और तेजस्वी, जानिए

पटना [अरुण अशेष]। दर्जा स्टार प्रचारक का है, लेकिन इनमें से ज्यादा जमीन पर ही नजर आते हैं। वजह, उम्मीदवार नहीं समझते कि सभी स्टार प्रचारकों में वोट दिलाने का माद्दा भी है। हां, सचमुच के स्टार प्रचारकों की इतनी मांग है कि उन्हें दम मारने की भी फुरसत नहीं मिलती है।

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एनडीए में राष्ट्रीय स्तर के स्टार प्रचारकों में सबसे अधिक मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी की है। इधर कांग्रेस में ऐसी ही मांग राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की है। मांग तो प्रियंका गांधी की भी बहुत है, मगर अब तक उनका बिहार दौरा नहीं हुआ है।

नीतीश और सुशील मोदी की एक बराबर पूछ

एनडीए के बिहार के स्टार प्रचारकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अव्वल हैं। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की मांग भी लगभग उनके बराबर ही है। इन दोनों नेताओं की मांग चार से अधिक सभाओं के लिए प्राय: सभी उम्मीदवारों ने की है।

 

एक लोकसभा क्षेत्र में इन दोनों की सभाओं की औसत संख्या तीन-चार है भी। नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी प्रधानमंत्री के मंच के स्थायी वक्ता हैं। यह इनकी अतिरिक्त व्यस्तता है। एनडीए के उम्मीदवार लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान की भी मांग करते हैं।

इनके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और प्रदेश जदयू अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह की मांग खास समीकरण के वोटरों को रिझाने के लिए होती है, लेकिन एनडीए के तीसरे घटक लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस की मांग एकदम नहीं हो रही है। शायद इसलिए कि वे अच्छे वक्ता में शुमार नहीं किए जाते हैं।

 

बाकी स्टार प्रचारकों की मांग क्षेत्र विशेष के लिए ही हो पाती है। इनमें केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी शामिल हैं। प्रसाद पिछले चुनावों तक पूरे राज्य का भ्रमण करते थे, लेकिन इस बार खुद उम्मीदवार बन जाने के कारण उनकी पहले जैसी भूमिका संभव नहीं है। 

राहुल के बाद तेजस्वी पसंद में

 महागठबंधन के घटक दलों में राष्ट्रीय नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मांग सबसे अधिक है, जबकि प्रादेशिक नेताओं में विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को वास्तविक तौर पर स्टार प्रचारक का दर्जा हासिल है।

 

कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं की मांग नहीं के बराबर है। ये नेता सीमित समूह को प्रभावित करने की ही क्षमता रखते हैं। हां, नए आए शत्रुघ्न सिन्हा का बाजार भाव कांग्रेस में ठीक चल रहा है। सिन्हा को पहली बार अपना चुनाव लडऩा पड़ रहा है। इसके पहले के उनके दोनों चुनाव भाजपा के कार्यकर्ता ही लड़ लेते थे। इस बार अपना चुनाव क्षेत्र उनसे अधिक समय की अपेक्षा कर रहा है।

कुशवाहा, मांझी और सहनी को भी सुन रहे लोग

महागठबंधन के दलों में पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी की मांग तेजस्वी यादव के बाद है। संयोग से ये तीनों खुद उम्मीदवार हैं। मांझी के क्षेत्र गया में मतदान हो गया है।

 

कुशवाहा और सहनी के क्षेत्रों में मतदान होना बाकी है। ये सब तेजस्वी यादव के साथ या अलग-अलग चुनाव प्रचार के लिए बुलाए जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की मांग बहुत अधिक नहीं है। स्वास्थ्य कारणों से वह खुद चुनाव प्रचार में जाने की दिलचस्पी नहीं रखती हैं।

महागठबंधन के कुछ उम्मीदवारों के बीच शरद यादव की भी मांग है। वह अपने क्षेत्र मधेपुरा में ही उलझे हुए हैं। वहां का मतदान समाप्त होने के बाद अन्य क्षेत्रों में उनकी सक्रियता की उम्मीद की जा रही है। 


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