India Lockdown के बीच बिहार से बुरी खबर, इलाज को तरसे कैंसर मरीज, स्वास्थ्य विभाग भी मजबूर
Bihar Lockdown कोरोना संक्रमण को रोकने में जुटी सरकार कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को फिलहाल धैर्य रखने को कह रही है। ऐसे में मरीज बेबस तो डॉक्टर परेशान हैं।
पटना, जेएनएन। Bihar Lockdown: बिहार में कैंसर के मरीजों के लिए यह बुरी खबर है। कोरोना का संक्रमण उनके इलाज को बेपटरी करता दिख रहा है। कैंसर सहित अन्य बड़ी बीमारियों के मरीज घरों या अस्पतालों में कैद होकर रह गए हैं। गंभीर मरीजों के जांच सैंपल नहीं भेजे जा रहे। यातायात ठप होनें के कारण वे भी इलाज के लिए बाहर नहीं जा पा रहे।
आलम यह है की कैंसर समेत अन्य जानलेवा बीमारियों के मरीज या तो निजी और सरकारी अस्पतालों या फिर अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। उन्हें इंतज़ार है स्थिति के सामान्य होने का। वे समझ चुके हैं कि कोरोना पर जब तक नियंत्रण नहीं हो जाता, उन्हें इसी तरह तिल-तिल कर हर पल बिताना होगा।
कोरोना की वजह से राज्य के साथ-साथ पूरा देश लॉक डाउन में है। सभी प्रकार के वाहनों के साथ बस, ट्रेन और हवाई यात्रा तक पर रोक है। इस वजह से गंभीर मरीज, जिनके जांच सैंपल मुंबई, बंगलुरु, पुणे या अन्य जगह जाने भेजना संभव नहीं।
कई अस्पताल हवाई कूरियर सेवा का उपयोग भी जांच के लिए करते रहे हैं। वे भी मजबूर हैं, क्योंकि राज्य में कूरियर सेवा भी बंद है। जांच के लिए पहले भेजे गए सैंपल के रिपोर्ट भी नहीं मिल रहे। पहले के सैंपल के रिपोर्ट वेबसाइट पर या ई-मेल से तो मिल रहे हैं, लेकिन सभी मामलों में ऐसा नहीं हो रहा।
बुद्धा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ. अरविंद कुमार कहते हैं अचानक सब बंद होने से परेशानी बढ़ी है। सैंपल की जांच नही हो सकती, इसलिए अधिकांश कैंसर मरीजों को ओरल टैबलेट पर रखा जा रहा है। कीमोथेरेपी तक प्रभावित हो गई है। मरीज की हालत बिगड़ी तो डॉक्टर कुछ नहीं कर सकेंगे, कोई विकल्प नहीं।
फिलहाल इस समस्या का समाधान सरकार के पास भी नहीं। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार कहते हैं कि यह आपदा के दौर है। सरकार भी मजबूर है। खुद सरकार को कई आवश्यक उपकरण इन्हीं परेशानियों की वजह से नहीं मिल पा रहे हैं। सरकार ऐसे लोगों की पीड़ा समझ सकती है,मगर फिलहाल मजबूर है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के अनुसार फिलहाल हर स्तर पर जाकर कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के प्रयास हो रहे हैं। कैंसर सहित अन्य बीमारियों के मरीजों को स्थिति सामान्य होने तक धैर्य रखना होगा।