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Bihar Lockdown: दवा के लिए 35 किमी पैदल चले डायबिटीज के मरीज 75 साल के सूर्यदेव

कोरोना से जंग को ले लॉकडाउन के हालात में सरकार जरूरतमंदों की मदद के दावे कर रही है। लेकिन बिहार में 75 साल के एक डायबिटीज मरीज को दवा के लिए 35 किमी पैदल चलना पड़ा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 03:49 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 03:53 PM (IST)
Bihar Lockdown: दवा के लिए 35 किमी पैदल चले डायबिटीज के मरीज 75 साल के सूर्यदेव
Bihar Lockdown: दवा के लिए 35 किमी पैदल चले डायबिटीज के मरीज 75 साल के सूर्यदेव

जहानाबाद, जेएनएन। Bihar Lockdown: कोरोना (CoronaVirus) संक्रमण को रोकने के लिए बिहार सहित पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) है। इस दौरान किसी को कोई परेशानी नहीं होने देेने के दावों के बीच आम लोगों की परेशानी के कई उदाहरण लगातार मिल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बिहार के अरवल (Arwal) जिले का है, जहां अपनी दवा के लिए एक 75 साल के वृद्ध को 35 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ी। इस उम्र में इतनी लंबी यात्रा के बाद शनिवार देर रात घर पहुंचे वृद्ध की तबीयत सोमवार दिन तक सामान्‍य हो सकी है।

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आसपास की दुकानों में नहीं मिली दवा

बिहार के अरवल जिले के किंजर थाना क्षेत्र के करहरी निवासी सेवानिवृत शिक्षक सूर्यदेव राम (Surya Deo Ram) डायबिटीज (Diabetes) के मरीज हैं। वे पांच साल से जहानाबाद में डॉ. सत्यप्रकाश के परामर्श से दवा लेते रहे हैं। डॉक्‍टारी परामर्श जहानाबाद में लेते, लेकिन दवा अरवल में भी मिल जाती थी। इसलिए नि‍श्चिंत थे। लेकिन अचानक के लॉकडाउन में आसपास की दवा दुकानें (Medical Shops) या बंद रहने लगीं। जब अरवल में खोजने पर भी दवा नहीं मिली तो 35 किमी दूर स्थित पड़ोस के शहर जहानाबाद (Jehanabad) के लिए निकलना मजबूरी हो गई।

दवा के लिए पैदल ही गए दूसरे शहर

सूर्यदेव राम ने बताया कि परिवार के अधिकांश सदस्य बाहर रहते हैं। घर पर बेटा सुनील गेहूं की कटनी में लगा हुआ था। इसलिए वे अरवल में अपनी दवा की खोज में निकल गए। जब दवा नहीं मिली तो पैदल ही जहानाबाद जाने का निश्चय कर लिया। घर आकर रात तक आराम किया, फिर शुक्रवार की रात दो बजे गांव से पैदल चल ही निकल गए। अगली दोपहर 12 बजे वे जहानाबाद में हिन्दुस्तान मेडिकल हॉल पहुंचकर लाइन में खड़े हो गए। करीब एक घंटे तक लाइन में लगे रहने के बाद दवा मिली।

एक दिन बाद किसी तरह पहुंच गए गांव

सूर्यदेव राम ने बताया कि दवा की दुकान पर एक युवक से मुलाकात हुई, जिसने उन्‍हें बाइक से अरवल मोड़ तक छोड़ दिया। भूख लगी तो अरवल मोड़ के समीप ही जिला प्रशासन की ओर से वितरित किए जा रहे फूड पैकेट (Food packet) काे लेकर भूख मिटाई। आगे एक और बाइक सवार युवक ने उन्हें बभना के राहत केंद्र पर पहुंचा दिया। वहां कुछ देर आराम करने के बाद वे अगली रात दवा लेकर गांव पहुंच ही गए।

बोले: उन जैसे लोगों के लिए हो व्‍यवस्‍था

सूर्यदेव के अनुसार शनिवार की रात जब वे घर पहुंचे तो लगा कि पैर जवाब दे देंगे। थकान के मारे बुरा हाल था। इसके बाद तो पूरे डेढ़ दिन तक आराम किया। सोमवार को वे ठीक महसूस कर रहे हैं। उन्‍हें इसका मलाल है कि रास्‍ते में कई पुलिस टीम मिली, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। उन्‍होंने मजबूरी को समझ लॉकडाउन में जाने तो दिया, लेकिन उनके जैसे लोगों को दवा की दुकान तक छोड़ने या दवा दिलाने की कोई व्‍यवस्‍था तो की ही जानी चाहिए।


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