बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार तक के लिए स्थगित
बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ और सभापति के संबोधन और शोक संदेश के बाद सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। शीतकालीन सत्र आगामी 2 दिसंबर तक चलेगा।
पटना [जेएनएन] बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ और सभापति के संबोधन और शोक संदेश के बाद बिहार विधान परिषद सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। आज से शुरु हुआ शीतकालीन सत्र आगामी 2 दिसंबर तक चलेगा। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानमंडल के छह कार्य दिवस में कुल छह बैठकें होंगी।
102 एंबुलेंस कर्मियों का हंगामा
आज विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही 102 एंबुलेंस कर्मियों ने गेट पर जमकर हंगामा किया जिसके बाद पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया और सचिवालय थाने ले गई। एंबुलेंस कर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे और सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे।
सबसे पहले दिवंगत नेताओं के लिए शोक प्रकाश हुआ फिर विधानमंडल की कार्यवाही शुरु हुई। शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों ने सदन में एक-दूसरे को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है।
विपक्ष की ओर से शराबबंदी और राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति को मुद्दा बनाया जायेगा। वहीं सत्ताधारी दलों द्वारा नोटबंदी के बाद आम लोगों को हो रही परेशानी को मुद्दा बनाये जाने की संभावना है।
संसदीय कार्य मंत्री ने सहयोग की अपील की है
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार से शुरू होनेवाले शीतकालीन सत्र को लेकर सभी सदस्यों से अनुरोध किया है कि वह सदन के समय का सही उपयोग करें।
विधानसभा सत्र के बाद महागठबंधन दलों की बैठक
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि शुक्रवार को विधानसभा सत्र की समाप्ति के तुरंत बाद महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक आयोजित की गयी है। बैठक में महागंठबंधन के विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है।
यह बैठक विधान परिषद के उप सभागार में होगा। इसमें तीनों दलों राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यू और कांग्रेस के दोनों सदनों के सदस्यों को आमंत्रित किया गया है।
शराबबंदी कानून पर होगी चर्चा
राज्य के बहुचर्चित बिहार उत्पाद विधेयक (संशोधित), 2016 में फिलहाल कोई संशोधन नहीं होगा। 25 नवंबर से शुरू होने जा रहे विधान मंडल के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक पर सिर्फ चर्चा की जायेगी। इस पर संशोधन से जुड़ा कोई प्रस्ताव फिलहाल पेश नहीं किया जायेगा।
हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले आम जनता, फिर सभी दलों के नेताओं से इस विधेयक पर सुझाव मांगे थे। इसमें इस विधेयक में मौजूद बेहद सख्त कानून में संशोधन करने की मांग की थी। इसके बाद से इस कानून में संशोधन को लेकर कयास लगने लगे हैं, परंतु इस कानून में मौजूदा सत्र में इस विधेयक में संशोधन से संबंधित कोई भी प्रस्ताव पेश करने का कोई प्रस्ताव फिलहाल नहीं है।
विभागीय मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने बताया कि पहले इस विधेयक पर विधान मंडल में चर्चा कराया जायेगा। इसके बाद ही इसमें संशोधन से संबंधित किसी प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ कड़े प्रावधानों या नियमों को संशोधित करने से काम नहीं चलेगा। यह भी देखना होगा कि संशोधन करने के बाद कहीं इसका उलटा प्रभाव नहीं पड़ जाये।छूट देने के बाद कहीं तस्करों या शराब माफियाओं का मनोबल कहीं ज्यादा नहीं बढ़ जाये।
इस बेहद महत्वपूर्ण पहलू पर भी ध्यान देने की जरूरत है। वर्तमान में जब इस कानून को इतने सख्त नियम-कायदों के साथ बेहद सख्ती से लागू किया गया है, तब भी चोरी-छिपे शराब तस्करी के काफी मामले सामने आते रहते हैं।
ऐसी स्थिति में इस बात पर खास ध्यान देने की जरूरत है कि संशोधन तभी किया जाये, जब इन तमाम मसलों पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जाये। अगर सजा में छूट दी जाती है, तो किसी तरह का लीकेज नहीं हो, इसका भी पूरा ध्यान रखने की जरूरत है। इन सभी पहलूओं पर ध्यान रखने के बाद ही किसी तरह का संशोधन पेश किया जायेगा। फिलहाल विभाग ने किसी संशोधन प्रस्ताव को लेकर पहल नहीं शुरू की है।