डरने की जरूरत नहीं, जिम्मेदारी निभाएं विधायक; तेजस्वी को बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने अपने तरीके से दिया जवाब
Bihar Politics बिहार विधानसभा के अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव के पत्र का अपने तरीके से जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा है कि विधायकों को डरने की नहीं बल्कि अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने की जरूरत है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पत्र का विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी तरह से जवाब दे दिया है। तेजस्वी ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में विधायकों के साथ पुलिस की हाथापाई का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि विपक्षी दलों के विधायक मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में जाने से डर रहे हैं। वे तभी सदन में कभी जाएंगे, जब उन्हें विधानसभा की ओर से सुरक्षा की पूरी गारंटी मिलेगी। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करने में किसी प्रकार का डर नहीं होना चाहिए। जल्द ही विधायकों को सदन में पूछे गए शत प्रतिशत सवालों का जवाब मिलने लगेगा। कोशिश करेंगे कि यह व्यवस्था 26 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में बहाल हो जाए।
पहले की अपेक्षा काफी सुधरी है स्थिति
सिन्हा शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सदन में पहले बमुश्किल 15 से 25 प्रतिशत सवालों के ही जवाब सत्र की अवधि में आ पाते थे। इसमें काफी सुधार हुआ है। पिछले बजट सत्र के दौरान 98 फीसद अल्पसूचित और 91 प्रतिशत तारांकित सवालों के जवाब आए। उन्होंने कहा कि यह सदन के प्रति विधायकों की गंभीरता, जनता के प्रति जवाबदेही, सरकार की सजगता तथा राज्य के विकास का परिचायक है।
सवालों के जवाब समय पर मिलने जरूरी
सिन्हा ने कहा कि समय पर सवालों का जवाब मिल जाने से जनहित के महत्वपूर्ण मामलों का समाधान हो जाता है। विधायकों को चाहिए वे सदन में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं। विधायकों को सदन में अनुशासित होकर संवैधानिक अधिकारों के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन करने में किसी प्रकार का भय नहीं होना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनतंत्र में जनता ही मालिक होती है।
दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी के प्रति समान भाव
अध्यक्ष ने कहा कि जनसेवा ही हमारी प्राथमिक और अंतिम जवाबदेही है। इसके लिए संवैधानिक अधिकारों के तहत लोकतांत्रिक परंपराओं और मर्यादाओं का पालन करते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करना होता है। अध्यक्ष के नाते वे दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी सदस्यों के प्रति एक जैसा भाव रखते हैं। सदस्य मानें कि आसन उनका संरक्षक है। विधायकों और हम सबका अंतिम लक्ष्य जनता की सेवा है।