Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वेक्षण की गति बढ़ाने की बनी रणनीति, अब रोज होगा काम का मूल्यांकन
सर्वे कर्मी इस नक्शा के आधार पर सरजमीन का मुआयना करते हैं। नए प्लाट को जोड़ते हैं। फिर वह नक्शा हवाई सर्वेक्षण एजेंसियों को दिया जाता है। वह सुधार कर वापस करता है। यही नक्शा सर्वेक्षण का आधार बनेगा। तीन एजेंसियों को हवाई सर्वे का जिम्मा दिया गया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Land Survey Update News: बिहार में भूमि सर्वेक्षण पर कोरोना से अधिक हवाई सर्वेक्षण एजेंसियों की सुस्ती का असर है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सोमवार से सर्वेक्षण कार्य तेज करने का आदेश दिया है। लेकिन, तैयारी के लिए बुलाई गई समीक्षा बैठक में पाया गया कि अगर हवाई सर्वेक्षण एजेंसियों की रफ्तार यही रही तो सर्वेक्षण का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है। तय हुआ है कि अब इन एजेंसियों के कामकाज का मूल्यांकन दैनिक आधार पर किया जाए।
तीन एजेंसियों की मदद ले रही सरकार
बैठक की अध्यक्षता भू परिमाप निदेशक जय सिंह ने की। इस काम में तीन एजेंसियां लगी हैं। समीक्षा में पाया गया कि शेखपुरा में हवाई एजेंसी का कार्यालय बंद है। नालंदा और मुंगेर में कार्यालय खुला है। मगर काम नहीं हो रहा है। एजेंसी के प्रतिनिधि ने बताया कि सोमवार से उसके सभी कार्यालयों में काम शुरू हो जाएगा। मुंगेर के बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि एजेंसी को 120 नक्शा दिया गया था। सिर्फ 58 वापस लौटा। एजेंसी को निदेश दिया गया कि शिविरों से प्राप्त होने वाले नक्शों को अपडेट कर जल्द से जल्द वापस करें।
कार्यालय है पर काम नहीं
दूसरी एजेंसी के बारे में बताया गया कि बेगूसराय एवं लखीसराय में एजेंसी का कार्यालय कार्यरत है, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, शिवहर, जहानाबाद तथा अरवल में कार्यालय का संचालन नहीं किया जा रहा है। लखीसराय के बंदोबस्त पदाधिकारी ने कहा कि हवाई सर्वेक्षण एजेंसी के असहयोगात्मक रवैये के कारण जिले में सर्वे बाधित है।
पूर्णिया बंदोबस्त कार्यालय में चोरी
पूर्णिया के बन्दोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि बन्दोबस्त कार्यालय में चोरी होने के कारण परेशानी बढ़ी है। चोरी की प्राथमिकी दर्ज हुई। लेकिन, सामान बरामद नहीं हुआ। पश्चिमी चंपारण के बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि एजेंसी से सिर्फ 11 राजस्व ग्राम का नक्शा मिला है। बांका जिले में मात्र नौ नक्शा वापस मिला है। बैठक में सभी 20 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी-सह-अपर समाहर्ता, सहायक निदेशक, उप सचिव मनोज कुमार झा के अलावा सभी जिलों के नोडल पदाधिकारी एवं तीनों हवाई एजेंसियों के राज्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
हवाई सर्वेक्षण में क्या होता है
हवाई सर्वेक्षण एजेंसियों को 1890-1920 के बीच हुए कैडेस्टल सर्वे का नक्शा दिया गया है। उस समय जमीन के प्लाट कम थे। पारिवारिक बंटवारा के कारण प्लाटों की संख्या बढ़ी है। इससे खेतों के नए मेड़ बन गए हैं। हवाई सर्वेक्षण में नए प्लाट का चित्र आ जाता है। सर्वे कर्मी इस नक्शा के आधार पर सरजमीन का मुआयना करते हैं। नए प्लाट को जोड़ते हैं। फिर वह नक्शा हवाई सर्वेक्षण एजेंसियों को दिया जाता है। वह सुधार कर वापस करता है। यही नक्शा सर्वेक्षण का आधार बनेगा। तीन एजेंसियों को हवाई सर्वे का जिम्मा दिया गया है।