किसानों को 80% तक सब्सिडी! लेकिन किसे और कैसे मिलेगा फायदा? एक क्लिक में जानें पूरी योजना
बिहार सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और फल-सब्जी के नुकसान को कम करने के लिए विशेष हस्तक्षेप योजना शुरू की है। इस योजना के तहत प्लास्टिक क्रेट, लेनो बैग और फ्रूट ट्रैप बैग पर सब्सिडी दी जाएगी। 80% तक की सब्सिडी मिलेगी, जिससे किसानों को भंडारण और परिवहन में आसानी होगी। आवेदन DBT पोर्टल या कृषि ऐप से किया जा सकता है।

फल और सब्जी के लिए सरकार दे रही है सब्सिडी
जागरण संवाददाता, पटना। कृषि रोड मैप के तहत किसानों की आय दोगुनी करने और फलों–सब्ज़ियों की बर्बादी रोकने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने एक बड़ी राहत योजना शुरू की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 'विशेष हस्तक्षेप योजना (प्लास्टिक क्रेट्स, लेनो बैग एवं फ्रूट ट्रैप बैग)' पर 22.25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इस योजना का सीधा फायदा राज्य के फल एवं सब्ज़ी उत्पादक किसानों को मिलेगा, खासकर उन किसानों को जो फसल कटाई के बाद भंडारण और परिवहन में होने वाली क्षति से परेशान रहते हैं।
8 जिलों के किसानों को लाभ
योजना के तहत प्लास्टिक क्रेट और लेनो बैग की सब्सिडी सभी 38 जिलों के फल–सब्ज़ी उत्पादक किसानों को मिलती है। वहीं केला उत्पादक किसानों के लिए फ्रूट ट्रैप बैग का प्रावधान किया गया है। इससे केला उत्पादन में कीटों से होने वाली क्षति में कमी आएगी।
सरकार ने इकाई लागत भी तय कर दी है
- प्लास्टिक क्रेट: ₹400
- लेनो बैग: ₹20
- फ्रूट ट्रैप बैग: ₹30
सब्सिडी पहले से मंजूर दर और इस वर्ष की ई-निविदा दर में से न्यूनतम कीमत पर लागू होगी।
सब्सिडी दर इस प्रकार है
- प्लास्टिक क्रेट – 80% सब्सिडी
- लेनो बैग – 80% सब्सिडी
- फ्रूट ट्रैप बैग – 50% सब्सिडी
इससे किसानों को उत्पादन की सुरक्षित ढुलाई और भंडारण में बड़ी राहत मिलेगी।
आखिर लाभ किसे मिलेगा?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस योजना का फायदा केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा
जो बिहार के स्थायी निवासी हों,
कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत हों,
और पिछले तीन वर्ष में इस योजना का लाभ न लिया हो।
योजना के तहत उपलब्ध मात्रा
किसानों के लिए वस्तुओं की उपलब्धता सीमा निर्धारित की गई है।
- प्लास्टिक क्रेट: 10 से 50
- लेनो बैग: 100 से 1000
- फ्रूट ट्रैप बैग: 300 से 10,000
आवेदन प्रक्रिया
किसान आवेदन dbtagriculture.bihar.gov.in या ‘बिहार कृषि ऐप’ के माध्यम से कर सकते हैं। आवेदकों को ऑनलाइन निम्न दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे:
- भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र
- पिछले दो वर्षों की अपडेटेड भू-राजस्व रसीद
- ऑनलाइन रसीद / वंशावली / एकरारनामा (निर्धारित प्रारूप)
पासपोर्ट साइज फोटो
इस योजना से न केवल फलों और सब्ज़ियों की बर्बादी कम होगी बल्कि भंडारण एवं परिवहन की लागत में भी कमी आएगी। सरकार मानती है कि यह हस्तक्षेप किसानों की आय में वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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