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मंगल पांडेय ने बताया बिहार में कोरोना से मौत के आंकड़े बढ़ने का कारण, सुशील मोदी बोले- सरकार की नीयत साफ

मौत एक संवेदनशील मामला है और सरकार लोगों के दर्द को समझती है। जिन लोगों की मौत संक्रमण के दौरान हुई या संक्रमण से उबर जाने के बाद उन सबके आश्रितों को मुआवजा दिए जाने का निर्णय सरकार ने लिया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 05:11 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 05:11 PM (IST)
मंगल पांडेय ने बताया बिहार में कोरोना से मौत के आंकड़े बढ़ने का कारण, सुशील मोदी बोले- सरकार की नीयत साफ
सुशील कुमार मोदी और मंगल पांडेय। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में मौत के बढ़े आंकड़ों पर जारी सियासत के बीच स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार की मंशा एकदम साफ है। सरकार मौत के आंकड़े नहीं छिपा रही, बल्कि जिनकी मौत कोरोना से हुई, उनके आश्रितों को मुआवजा मिले, इसके लिए आगे बढ़कर हकीकत जानने के लिए जांच कराई और सही संख्या जुटाई। ऐसी ही बात स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्‍यय अमृत के अलावा बिहार के पूर्व उपमुख्‍यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी कही। इनका कहना है कि मौत के आंकड़े में गड़बड़ी का पता लगाने के लिए सरकार ने खुद ही कमेटी बनाई।

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नए आंकड़े सरकार की जानकारी में आए

मंगल पांडेय ने कहा कि बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों में और होम आइसोलेशन के साथ पटना में इलाज के लिए आने के दौरान भी कोरोना से संक्रमित लोगों की मौत हुई, जिसका कोई आंकड़ा सरकार के पास नहीं था। ऐसे में सरकार ने खुद पहल की और मौत के सही आंकड़ों की जानकारी प्राप्त करने के लिए दो अलग-अलग समिति बनाई। इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट का भी सहारा लिया गया। उसके बाद मौत के सही आंकड़े जुटाए जा सके। 20 दिन की जांच में 3951 ऐसे लोगों की मौत की पुष्टि हुई, जिससे संबंधित आंकड़े सरकार के पास नहीं थे। इसीलिए मौत के आंकड़े बढ़े हुए लग रहे हैं।

कोरोना से करने वालों के परिवार को मिल रहा मुआवजा

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल का नतीजा है कि कोरोना से मौत के सही आंकड़े मिल पाए और अब सबको मुआवजा दिया जा रहा है। इसी के साथ राजनीतिज्ञों को को उन्होंने सलाह दी है कि मौत के मामले में राजनीति से बचना चाहिए। सरकार की मंशा साफ है कि जिसकी भी मौत कोरोना की वजह से हुई है, उसके परिवार को मुआवजा मिलना ही चाहिए।

प्रत्‍यय अमृत ने कही ये बात

उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत कह चुके हैं कि कोरोना से मौत के आंकड़े छिपाने की मंशा यदि सरकार की होती, तो सही आंकड़े प्राप्त करने के लिए जांच समिति ही क्यों बनाई जाती! मौत एक संवेदनशील मामला है और सरकार लोगों के दर्द को समझती है। जिन लोगों की मौत संक्रमण के दौरान हुई या संक्रमण से उबर जाने के बाद, उन सबके आश्रितों को मुआवजा दिए जाने का निर्णय सरकार ने लिया है। सरकार उसी दिशा में काम कर रही है। बता दें कि इससे पहले राजद से राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा था कि सरकार कोरोना से मौत के आंकड़े छिपा रही है। सरकार यह काम अपनी छवि बचाने और स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलने से बचाने के लिए कर रही है।

सरकार की नीयत साफ : सुशील मोदी

राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि बिहार में कोरोना से मरने वालों का संशोधित आंकड़ा किसी जांच एजेंसी ने नहीं, बल्कि स्वयं स्वास्थ्य विभाग ने जारी कर साफ किया है। सरकार की मंशा मृतक के आश्रित को चार लाख रुपये का मुआवजा और अन्य सहायता दिलवाने की है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दूरदराज के इलाकों से लेकर निजी अस्पताल और अस्पताल के रास्ते तक में लोगों की मौत हुई, जिनके आंकड़े समय पर नहीं पहुंच पाए थे। यदि आंकड़ा छिपाने का विपक्ष का आरोप सही होता, तो सरकार सही आंकड़े जुटाने वाली टीम न तो गठित करती और न ही उसका अपडेट जारी करने का साहस करती। एनडीए सरकार कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले व्यक्तिों के विपदाग्रस्त परिवारों को खोज कर सबको मुआवजा दिलाने के काम में लगी है।


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