बीएन कालेज पहुंचे बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, बम लगने से छात्र की मौत के लिए जिम्मेदार पर चुप्पी
पटना के बीएन कॉलेज में परीक्षा के दौरान हंगामा हुआ था। इस दौरान एक पक्ष ने दूसरे पर बम फेंका। दीवार से टकराकर बम एक छात्र के सिर पर जा लगा। इलाज के दौ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पटना। राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां बम से घायल छात्र सुजीत कुमार पांडेय की मौत से जुड़ी घटना की विस्तृत जानकारी के लिए शनिवार को अचानक बीएन कालेज पहुंचे। एक घंटा 10 मिनट तक परिसर में रहकर घटना से जुड़ी हर जानकारी विश्वविद्यालय, जिला व पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों से प्राप्त की।
छात्रों की हत्या किसी सूरत में मान्य नहीं
कुलाधिपति ने कहा कि एक साल में विश्वविद्यालय में दो छात्रों की हत्या किसी भी सूरत में मान्य नहीं है। इसके लिए जिम्मेवार कौन हैं? कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह और डीएसडब्ल्यू प्रो. अनिल कुमार ने कहा कि माहौल खराब करने में बाहरी असामाजिक तत्व भी शामिल हैं।
25-30 बाहरी तत्व खराब कर रहे हैं माहौल
पटना ला कालेज में हर्ष राज की हत्या में आरोपित छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है। 25-30 बाहरी तत्व माहौल को खराब कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि उनका नाम बताएं। इस पर डीएसडब्ल्यू ने कहा कि यह संभव नहीं है। सिटी एसपी स्वीटी सहरावत ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अज्ञात पर प्राथमिकी के लिए आवेदन देता है। काफी पूछताछ के बाद मामले में शामिल छात्रों का नाम बताया जाता है।
हत्या कोई सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता
राज्यपाल ने कहा कि विद्या के मंदिर में छात्र की हत्या कोई सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता है। इसके दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले को देखने और समझने के बाद एक बात पक्की है कि ऐसा वातावरण बन गया है, जिनके ऊपर अनुशासन सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी है, वह भी आपराधिक तत्वों से भय का अनुभव कर रहे हैं।
छात्रावास में अवैध कब्जा करके कमरों में आपराधिक प्रवृत्ति वाले भी बैठे हुए हैं। इसका प्रभाव वैध छात्रों पर भी पड़ता है। माहौल खराब करने वालों को विश्वविद्यालय प्रशासन चिह्नित करेंगे और राजभवन उनके ऊपर कार्रवाई सुनिश्चित कराएगा।
माता-पिता और गुरु के प्रति सम्मान जरूरी
बीएन कालेज हास्टल में राज्यपाल ने कहा कि माता-पिता और गुरु के प्रति सम्मान नहीं है तो वह भारतीय नहीं है। छात्रों को अपने पुत्र की नजर से शिक्षक देखें। छात्र का प्रथम स्वभाव ही अनुशासन और शिक्षकों का सम्मान है।
खाली कमरे सील करें, तोड़ने पर राजभवन को सूचित करें
राज्यपाल हास्टल पहुंचे तो अवैध रूप से रह रहे लोगों के कपड़े रस्सी पर फैले दिखे। उन्होंने कहा कि कुछ कमरे में ताला है और कुछ ऐसे ही हैं। जब अलाटमेंट नहीं है तो विश्वविद्यालय प्रशासन भी एक-एक कमरे में अपना ताला लगाकर सील बंद करें।
यदि कोई इसे तोड़ता है तो प्रशासन के साथ तत्काल इसकी जानकारी राजभवन को दें। पुलिस प्रशासन से पूछा कि अवैध रहने वालों पर कार्रवाई कब-कब की गई। गांधी मैदान थानेदार ने बताया कि सुबह ही छोपमारी हुई है। पुलिस देखकर बाउंड्री फांदकर लोग भाग गए।
छात्रों को पढ़ाया अनुशासन का पाठ
कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह, कुलसचिव प्रो. शालिनी, डीएसडब्ल्यू प्रो. अनिल कुमार, प्राक्टर प्रो. मनोज सिन्हा ने एक स्वर में कहा कि छात्र विश्वविद्यालय के पदाधिकारी और शिक्षकों से दुर्व्यवहार करते हैं। इस पर कुलाधपति ने छात्रसंघ अध्यक्ष मौथिली मृणाली और छात्र प्रतिनिधियों से कहा कि यह किसी भी सूरत में मान्य नहीं होगा। छात्रों को अनुशासन में रहना होगा।
यदि शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं सुने तो राजभवन आकर मिलें। शिक्षक से कोई दुर्व्यवहार कैसे कर सकता है। छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारी समस्याएं लेकर जाने पर मिलते नहीं हैं। इस कारण कभी-कभी कुछ छात्र आक्रोशित हो जाते हैं। छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि 13 मई को घटना घटी, लेकिन दो-ढाई किलोमीटर की दूरी होने के बाद भी कुलपति, डीएसडब्ल्यू, रजिस्ट्रार और प्राक्टर कुलाधपित के आने की सूचना पर शनिवार को पहुंचे हैं। इससे घटना को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की संजीदगी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
घायल छात्र पीएमसीएच में था लावारिस
13 मई को स्नातक के छात्र सुजीत कुमार पांडेय बम से जहां घायल हुआ था, वहां राज्यपाल लगभग 45 मिनट तक रहे। घटना की विस्तृत जानकारी प्राचार्य प्रो. राजकिशोर प्रसाद और सिटी एसपी स्वीटी सहरावत ने दी। पुसु अध्यक्ष ने कहा कि घालय छात्र को पीएमसीएच में लावारिस के रूप में भर्ती कराया गया था। इस पर प्राचार्य ने कहा कि आक्रोशित छात्रों ने उन्हें कक्ष में बंद कर दिया था। जिस कारण वह घायल छात्र के साथ पीएमसीएच नहीं जा सके। पुलिस की मदद से वह कुछ देर बाद पीछे वाले गेट से पीएमसीएच पहुंचे थे।

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