बिहार सरकार के इस फैसले से अब बैंकों में कम होगी कतार, जानिए
बिहार सरकार स्टांप व निबंधन शुल्क के साथ ही अन्य शुल्क की वसूली के लिए परंपरागत स्टांप पेपर के स्थान पर ई-स्टांपिंग की मदद लेगी। अब आपको इसके लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं रहेगी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार सरकार के एक फैसले ने बैंकों में लगने वाली कतारों को कम करने का मार्ग प्रशस्त किया है। सरकार ने स्टांप व निबंधन शुल्क के साथ ही अन्य शुल्क की वसूली के लिए परंपरागत स्टांप पेपर के स्थान पर ई-स्टांपिंग की मदद लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं रहेगी।
गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल ने ई-स्टांपिंग व्यवस्था को राज्य में लागू करने की अनुमति दी। साथ ही इस कार्य के लिए स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. को ई- स्टांपिंग एजेंसी के रूप में नामित करने की भी मंजूरी दी। सरकार के फैसले के बाद ई- स्टांपिंग एजेंसी सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी के रूप में राज्य में कार्य करेगी।
बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि राज्य में अभी भी पारंपरिक स्टांप पेपर पर विभिन्न प्रकार के शुल्क जमा किए जाने के प्रावधान हैं। इस वजह से आम नागरिकों को बिना वजह बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इतना ही नहीं, कई बार फर्जी स्टांप की वजह से सरकार के साथ ही आम लोगों को भी निरर्थक परेशानी उठानी पड़ती है।
यह भी पढ़ें: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पसंद हैं बिहार के अॉफिसर, जानिए क्यों?
मंत्रिमंडल ने स्टांप पेपर के स्थान पर ई-स्टांप खरीदने की व्यवस्था प्रदेश में बहाल करने की अनुमति दी है। सरकार ने 19 राज्यों और कई केंद्र शासित प्रदेशों में पूर्व से इस कार्य को करने वाली एजेंसी स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. को राज्य में यह जिम्मा दिया गया है।
यह भी पढ़ें: सास-बहू उतरीं चुनावी रणक्षेत्र में, बेटे को धर्मसंकट- किसको देगा वोट
अभी स्टांप की आपूर्ति में कमीशन के तौर पर सरकार को 43.85 करोड़ रुपये वहन करने होते हैं। जबकि, स्टॉक होल्डिंग कॉ. इंडिया लि. को कमीशन के तौर पर सिर्फ 23.64 करोड़ दिए जाएंगे। इससे सरकार को लगभग 20 करोड़ की वार्षिक बचत होगी।