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बिहार में एक जून से शुरू हो जाएंगे बाढ़ से बचाव के इंतजाम, हर विधायक और एमएलसी से लिया जा रहा फीडबैक

Bihar News पहली जून से शुरू होगा बाढ़ से बचाव संबंधित इंतजाम जनप्रतिनिधियों से प्राप्त फीडबैक पर दो-तीन दिनों के भीतर स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट तलब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर विधायक एवं विधान पार्षदों से फीडबैक लेने के लिए बैठक का आयोजन

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 09:28 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 09:28 AM (IST)
बिहार में एक जून से शुरू हो जाएंगे बाढ़ से बचाव के इंतजाम, हर विधायक और एमएलसी से लिया जा रहा फीडबैक
बिहार में बाढ़ से बचाव की तैयारियों की समीक्षा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। मौसम के व्यवहार में हो रहे बदलाव को देखते हुए जल संसाधन विभाग इस वर्ष पहली जून से ही बाढ़ संघर्षात्मक कार्यों की शुरुआत करेगा। पिछले वर्षों में यह कार्य 15 जून से शुरू होता था। यह जानकारी जल संसाधन मंत्री संजय झा ने सोमवार को विधायकों और विधान पार्षदों से फीडबैक प्राप्त करने के लिए आयोजित बैठक के बाद दी। बिहार में बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 18 मई को हुई उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा की गई थी।

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इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों और विधान पार्षदों को उनके क्षेत्र में हुए कार्यों तथा तैयारियों की जानकारी देकर उनके फीडबैक प्राप्त करने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में 23 और 25 मई को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रमंडलवार विशेष बैठक का आयोजन किया जा रहा है। अब फीडबैक के मुख्य बातों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी जाएगी।

23 मई को सुबह के सत्र में तिरहुत प्रमंडल, जबकि दोपहर बाद के सत्र में पटना, मगध और मुंगेर प्रमंडल के मंत्री, विधायक और विधान पार्षद जुड़े। इसमें जल संसाधन के अलावा पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष सुमन और ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज ने अपने-अपने विभागों के कार्यों और तैयारियों की जानकारी दी। इसमें वर्ष 2021 की बाढ़ के पश्चात क्षतिग्रस्त बांध, सड़क, पुल-पुलिया, डायवर्सन, आहर-पईन आदि के पुनस्र्थापन कार्य एवं वर्ष 2022 की संभावित बाढ़ तथा सुखाड़ से सुरक्षा के लिए हो रहे कार्यों व तैयारियों की जानकारी दी गई।

ग्रामीण कार्य मंत्री ने बताया कि 2021 की बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त अधिसंख्य पथ दुरुस्त कर लिए गए हैं। विभाग द्वारा ऐसी तैयारी की जा रही है कि बाढ़ के दौरान यदि कोई पथ खराब हुआ तो 48 घंटे के भीतर उसे परिचालन योग्य बना लिया जाएगा।

लघु जल संसाधन मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा जल-जीवन-हरियाली के तहत 1791 योजनाएं ली गईं। इनमें 1,439 पूर्ण हो गई हैं, जबकि 294 का कार्य पूर्णता की ओर है। पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि 26 हजार में से करीब 18 हजार वेंट को क्लियर कराया गया है। इस वर्ष की संभावित बाढ़ के दौरान यदि विभाग की किसी सड़क पर माइनर कट आता है तो उसे 24 से 48 घंटे के भीतर परिचालन योग्य बना दिया जाएगा।

संजय झा ने कहा कि बैठक में जिन स्थानों पर कार्य कराने का सुझाव आया है, संबंधित विभागों के अभियंता दो से तीन दिनों के भीतर उन स्थानों का स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट देंगे और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस सिलसिले में 25 मई को सुबह के सत्र में पूर्णिया और सारण प्रमंडल, जबकि दोपहर बाद के सत्र में दरभंगा, कोशी और भागलपुर प्रमंडल के विधायकों एवं विधान पार्षदों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जुडऩे के लिए आमंत्रित किया गया है।


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