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बिहार में सभी पुराने सरकारी भवनों का होगा फायर सेफ्टी आडिट, नए मानकों के आधार पर होगी जांच

Bihar News बिहार में सभी पुराने सरकारी भवनों की सुरक्षा के नए मानक तय होंगे कंसल्टेंट नियुक्त कर सभी पुराने भवनों का होगा फायर सेफ्टी आडिट सुझाव के आधार पर भवनों को आग से बचाने की होगी व्यवस्था

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 09:21 AM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 09:21 AM (IST)
बिहार में सभी पुराने सरकारी भवनों का होगा फायर सेफ्टी आडिट, नए मानकों के आधार पर होगी जांच
पुराने सरकारी भवन में बनेगी नई व्‍यवस्‍था। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रमुख कार्य सचिवालय विश्वेश्वरैया भवन में लगी आग के बाद बिहार सरकार ने विश्वश्वैरया भवन के साथ ही सभी पुराने सरकारी भवनों में आग से सुरक्षा के नए प्रबंध करने की दिशा में कवायद शुरू कर दी है। मुख्यालय से लेकर जिला स्तर पर जितने भी पुराने सरकारी भवन हैं उनका फायर सेफ्टी आडिट होगा। इस काम के लिए बकायदा कंसल्टेंट नियुक्त किए जाएंगे। कंसल्टेंट की जैसी सलाह होगी उसके अनुरूप कार्ययोजना बनाकर पुराने भवनों को आग से सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाएगी। 

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पुराने भवन में पुरानी बिजली वायरिंग

राज्य में मुख्य सचिवालय, विश्वेश्वरैया भवन, कृषि विकास भवन, विकास भवन के साथ ही अनेक पुरानी इमारते हैं जिनका निर्माण वर्षों पहले हुआ था। इन भवनों में बिजली सप्लाई वायरिंग भी काफी पुरानी है। समय-समय पर इन भवनों में जरूरत के हिसाब से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित रखने के लिए काफी काम भी हुए हैं, लेकिन बिजली पर बढ़ते लोड को देखते हुए स्थायी बदलाव आवश्यक हैं। 

भवन निर्माण को फायर सेफ्टी का जिम्मा

जानकारी के अनुसार विश्वेश्वरैया भवन में लगी आग को देखते हुए भवन निर्माण विभाग को 2015-16 के पूर्व बनाए गए तमाम सरकारी भवनों के फायर सेफ्टी आडिट के निर्देश दिए गए हैं। आदेश के बाद विभाग ने इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति का फैसला किया है। यह कंसल्टेंट विभाग को आग से भवनों को बचाने के लिए आवश्यक बदलाव के संबंध में सुझाव देंगे। 

कंसल्टेंट के साथ विभाग के इंजीनियर भी होंगे 

भवन निर्माण से मिली जानकारी के अनुसार फायर सेफ्टी कंसल्टेंट के साथ भवन निर्माण विभाग के विद्युत इंजीनियरों की टीम को भी लगाया जाएगा। जो सुझाव के आधार पर बिजली से लगने वाली आग से बचाव के लिए आगे की कार्य योजना निर्धारित करेंगे। आडिट के दौरान देखा जाएगा कि एसी-कूलर बढ़ते दबाव के साथ भवन में रोशनी के लिए जो प्रबंध हैं बिजली वायरिंग उनके अनुकूल है या नहीं। इनमें क्या बदलाव किए जा सकते हैं। कौन से नए उपकरण हैं जो भवन में लगाने बेहद आवश्यक हैं। सुझावों पर तत्काल अमल के लिए काम भी प्रारंभ हो जाएगा। 

भवन निर्माण सचिव बोले 
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमर रवि ने कहा कि पुराने भवनों में सेफ्टी आडिट का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि भवन बिजली से लगने वाली आग से पूरी तरह सुरक्षित रहे। विभाग सलाहकार नियुक्त करेगा और उनके बताए सुझाव पर भवनों में आग से लडऩे की व्यवस्था की जाएगी। इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। 

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