बिहार में ड्रग्स के खिलाफ एक्शन के लिए नए सिरे से बनी पुलिस टीम, सरकार ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
Bihar Crime बिहार में ड्रग्स की तस्करी रोकने के लिए सरकार ने नए सिरे से की पहल मानीटरिंग के लिए राज्यस्तरीय एवं जिलास्तरीय समिति का भी किया गया पुनर्गठन केंद्र सरकार के निर्देश पर गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर मादक पदार्थों के विरुद्ध अधिक कारगर कार्रवाई के लिए राज्य में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का नए सिरे से गठन किया गया है। इसके साथ ही इसकी मानीटरिंग के लिए राज्य व जिलास्तरीय समिति भी फिर से पुनर्गठित की गई है। गृह विभाग (विशेष शाखा) ने इससे जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी या आइजी के नेतृत्व में काम करेगी। टास्क फोर्स में एक एसपी या एएसपी, दो डीएसपी, दो इंस्पेक्टर, चार दारोगा, चार कंप्यूटर शिक्षित सिपाही और चार से छह सशस्त्र बल कार्य करेगा।
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के काम में जिला पुलिस बल के साथ विशेष कार्य बल यानी एसटीएफ का भी सहयोग लिया जाएगा। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, केंद्रीय एजेंसी नारको को-आर्डिनेशन सेंटर (एनकोर्ड) के सचिवालय के रूप में काम करेगी तथा इसके प्रभारी एनसीबी से संबंधित सभी मामलों के नोडल पदाधिकारी होंगे। यह होगी जिम्मेदारी
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का काम प्रमुख मादक पदार्थ के तस्करों के विरुद्ध छापेमारी करना और उनकी गतिविधियों की मानीटरिंग करना होगा। इसके साथ ही इससे जुड़े कांडों की जांच के लिए क्षेत्रीय पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने, न्यायालय में कांडों के ट्रायल की मानीटरिंग करने, मादक पदार्थ के तस्करों द्वारा अर्जित अवैध संपत्ति को जब्त करने, जागरूकता कार्यक्रम चलाने और मादक पदार्थों के उत्पादन, बिक्री एवं उपभोग आदि पर प्रभावशाली कार्रवाई के लिए केंद्रीय व राज्य की एजेंसियों के मध्य समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी भी फोर्स पर होगी।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करेगी मानीटरिंग
मादक पदार्थों की तस्करी की मानीटरिंग व इससे संबंधित राष्ट्रीय नीति को लागू करने के लिए बहुविषयक समन्वय समिति सह राज्यस्तरीय समिति का भी पुनर्गठन किया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में गृह, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य व समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव के साथ डीजीपी समेत 23 सदस्य होंगे। हर तीन माह पर समिति की बैठक होगी। इसका काम राज्य के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय करना भी होगा।
हर माह होगी जिलास्तरीय समिति की बैठक
जिलास्तर पर ड्रग्स की प्रवृत्ति से जुड़ी जानकारी के आदान-प्रदान, जिले में अवैध अफीम एवं गांजा की खेती को नष्ट करने, अंतरराज्यीय कांडों के अनुसंधान की मानीटरिंग करने एवं नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के पर्यवेक्षण के लिए जिलास्तरीय समिति का पुनर्गठन किया गया है। सभी जिले के डीएम इसके अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा एसएसपी, जिला औषधि निरीक्षक, पंचायती राज अधिकारी, कृषि पदाधिकारी व एनसीबी के प्रतिनिधि समेत 16 सदस्य होंगे। प्रत्येक माह जिलास्तरीय समिति की बैठक होगी।