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Bihar News: बिहार सरकार बना रही नियुक्ति की नई नियमावली, इसी आधार पर मिलेगी नौकरी

Bihar News उच्च माध्यमिक विद्यालयों और तीन सौ अंगीभूत महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति होगी। अभी तक अंगीभूत महाविद्यालयों में पुस्तकाध्यक्ष/पुस्तकालय सहायक के पद पर विश्वविद्यालयों द्वारा नियुक्ति की जाती थी। अब नई नियमावली से 1288 लाइब्रेरियन नियुक्त होंगे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 03 Sep 2022 10:49 PM (IST)Updated: Sat, 03 Sep 2022 10:49 PM (IST)
Bihar News: बिहार सरकार बना रही नियुक्ति की नई नियमावली, इसी आधार पर मिलेगी नौकरी
नियुक्ति को लेकर सरकार नई नियमावली बना रही है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : इस साल राज्य के 893 उच्च माध्यमिक विद्यालयों और तीन सौ अंगीभूत महाविद्यालयों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से पुस्तकालय अध्यक्ष पात्रता परीक्षा के लिए नियमावली तैयार कराई जा रही है। अभी तक अंगीभूत महाविद्यालयों में पुस्तकाध्यक्ष/पुस्तकालय सहायक के पद पर विश्वविद्यालयों द्वारा नियुक्ति की जाती थी। इसपर सरकार ने रोक लगा दी है। नियुक्ति में पारदर्शिता लाने के लिए कर्मचारी चयन आयोग को यह जिम्मेदारी दी जाएगी।

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  • - नई नियमावली से नियुक्त होंगे 1288 लाइब्रेरियन
  • - सरकार बना रही नई नियुक्ति नियमावली
प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए बनाई जा रही नीति

इसी तरह बिहार के उत्क्रमित विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए नीति बनाई जा रही है। सभी उत्क्रमित स्कूलों में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर प्रधानाध्यापक होंगे। पूर्व के मध्य विद्यालयों और उत्क्रमण के बाद के उच्च विद्यालयों के लिए अलग-अलग प्रभारी होंगे। एक प्रधानाध्यापक होंगे, जो परिसर के दोनों स्कूलों का प्रशासनिक काम देखेंगे।

यूनिवर्सिटी व कालेजों में बढ़ेंगी सीटें
उच्च शिक्षा में नामांकन दर बढ़ाने के लिए सरकार अंगीभूत महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में सीटें बढ़ाने की तैयारी में है। जहां जरूरत होगी वहां सीटें बढ़ेंगी, लेकिन इसके लिए तय फार्मेट में यूनिवर्सिटी और कालेजों को प्रस्ताव देना होगा। पाटलीपुत्र वि, पूर्णिया वि और मुंगेर वि में भी पीजी की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी हो रही है।

सकल नामांकन अनुपात बढ़ाना चाह रही सरकार

सरकार सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) बढ़ाना चाहती है। इस दिशा में काम भी कर रही है। शिक्षा विभाग का कहना है कि 2015 में सभी संस्थानों में 20 प्रतिशत सीटों की वृद्धि की गई थी। सीट बढ़ाने के लिए प्रस्ताव यूनिवर्सिटी व कालेजों को ही देना होता है। मगध विवि, बीआरए बिहार विवि, मुजफ्फरपुर और पाटलीपुत्र यूनिवर्सिटी से प्रस्ताव आया है। इसके अलावा अभी किसी यूनिवर्सिटी से प्रस्ताव नहीं मिला है।


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