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कोविड-19 को लेकर बिहार सरकार अलर्ट मोड में, केस मिलते ही पूरा इलाका सील करने के निर्देश

कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं है। बिहार में अभी भी पांच सौ से ज्‍यादा एक्टिव केस हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में फिर से संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने सभी डीएम और सिविल सर्जनों को कई निर्देश दिए

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 12:36 PM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 02:37 PM (IST)
कोविड-19 को लेकर बिहार सरकार अलर्ट मोड में, केस मिलते ही पूरा इलाका सील करने के निर्देश
कोविड को खतरे को देखते हुए बिहार में बढ़ाई गई सतर्कता, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार सरकार अलर्ट मोड में आ गई है।  स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने आता है तो उस इलाके के 500 मीटर इलाके को सील करते हुए वहां रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आरटीपीसीआर जांच कराई जाए। इधर, दूसरी ओर फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन की पहली डोज देने की मियाद 28 फरवरी तय कर दी गई है।

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प्रदेश में अभी हैं 560 एक्टिव केस

बिहार में कोविड-19 फिलहाल काफी नियंत्रण में है। सोमवार की रात आठ बजे तक बिहार में कोरोना के कुल एक्टिव केस 560 थे। इनमें सर्वाधिक एक्टिव केस पटना में हैं। अकेले पटना में एक्टिव केस की संख्या 218 है। पटना के बाद दूसरे और तीसरे पायदान पर जो जिले आते हैं उनमें 35 एक्टिव केस के साथ गया दूसरे और 33 केस के साथ सारण तीसरे नंबर पर है।

बिहार में अब तक मिल चुके 2.62 संक्रमित

बीते वर्ष मार्च से लेकर 22 फरवरी 2021 के बीच बिहार में कोरोना के 262244 संक्रमित मिल चुके हैं। संक्रमितों की पहचान के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 2.22 करोड़ से अधिक टेस्ट किए। राज्य में कोरोना संक्रमण से  अबतक 1536 लोगों की मौत हो चुकी है।

जिलाधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सोमवार की देर शाम स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ ही सभी जिलाधिकारियों एवं सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर कोरोना संक्रमण की समीक्षा की। जिलों से संक्रमित मामलों की पूरी जानकारी लेने के बाद जिलाधिकारियों के निर्देश दिए गए कि वे अपने जिलों में सतर्कता बरते और प्रत्येक नए संक्रमण की मामले की जानकारी मुख्यालय को भेजे।

नए केस पर इलाका सील करने के दिए गए निर्देश

स्वास्थ्य सूत्रों ने बताया कि समीक्षा बैठक के बाद प्रधान सचिव ने जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों को निर्देश दिए कि यदि किसी भी इलाके में कोरोना संक्रमण का नया मामला सामने आता है तो उसकी कांटेक्ट ट्रेसिंग कराएं साथ ही उस इलाके के पांच सौ मीटर के दायरे को तत्काल सील करते हुए वहां रहने वाले प्रत्येक नागरिक की आरटीपीसीआर जांच भी कराएं और इससे मुख्यालय को भी अवगत कराएं।

28 तक फ्रंटलाइन वर्करों को देनी होगी वैक्सीन की पहली डोज

स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के फ्रंटलाइन कोरोना वर्करों के टीकाकरण के लिए 28 फरवरी तक की मियाद तय की है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों को निर्देश भेजे हैं कि हर हाल में कोविन पोर्टल पर पंजीकृत फ्रंटलाइन वर्करों को टीके की पहली डोज 28 फरवरी तक निश्चित रूप से दे दी जाए। इसके बाद ही फ्रंटलाइन वर्करों को टीके की दूसरी डोज देने का अभियान शुरू हो सकेगा। इस पूरे अभियान को हर हाल में 10 मार्च तक पूरा करना है ताकि 15 मार्च के बाद 50 से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण प्रारंभ किया जा सके।

बता दें कि राज्य में 2.72 लाख फ्रंटलाइन वर्करों ने टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। सोमवार की देर शाम तक पंजीकृत फ्रंटलाइन वर्करों में से 1,27,302 का टीकाकरण किया जा चुका था। राज्य मे अब तक कुल 581853 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इनमें अकेले स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या 398562 और फ्रंटलाइन वर्करों की संख्या 1.27 लाख है।


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