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बिहार सरकार ने मुखिया को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, किसानों के फायदे के लिए करना होगा ये काम

जंगली जीवों को पकड़वाने की जिम्मेदारी मुखिया को सौंपी है। वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी मुखिया से अनुमति लेकर नीलगायों और सुअरों को पकड़ने का इंतजाम सुनिश्चित करेंगे। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि विभाग की ओर से सहमति दे दी गई है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 10:58 PM (IST)
बिहार सरकार ने मुखिया को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, किसानों के फायदे के लिए करना होगा ये काम
बिहार में मुखिया को सरकार ने बड़ी जिम्मदारी सौंपी है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: सरकार ने किसानों के फसल और उद्यान नष्ट करने के साथ मानव जीवन को क्षति पहुंचाने वाले जंगली जीवों को पकड़वाने की जिम्मेदारी मुखिया को सौंपी है। वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी मुखिया से अनुमति लेकर नीलगायों और सुअरों को पकड़ने का इंतजाम सुनिश्चित करेंगे। दरअसल, वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से इसको लेकर पंचायती राज विभाग से सहमति मांगी गई थी। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि विभाग की ओर से सहमति दे दी गई है। उन्होंने बताया कि जंगली जानवरों में नीलगाय (घोड़परास) और सुअरों द्वारा किसानों के फसलों के साथ मानव जीवन को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में राज्य की सभी आठ हजार से अधिक पंचायतों के मुखिया को अधिकार दिया गया है कि वह फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली जानवारों को पकड़ने की अनुमति दे सकेंगे।

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इंसानों के जान की क्षति पहुंचाने पर आवेदन मुखिया को

सम्राट चौधरी ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा जंगली जानवरों से फसलों की क्षति या इंसानों के जान की क्षति पहुंचाने पर आवेदन मुखिया को दिया जाएगा। मुखिया की अनुमति देने के बाद ही वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा उन पंचायतों के जंगली जानवरों के पकड़ने की कार्रवाई की जाएगी। किसानों को लाखों की हानि होती है। पंचायती राज विभाग की अनुमति मिलने के बाद अब वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा आसानी से जंगली जानवरों को पकड़ा जा सकता है। बता दें कि जंगली जानवरों के द्वारा किसानों की फसल नष्ट करने के मामले आए दिन सामने आते हैं। इसमें नीलगाय और सुअर प्रमुख हैं। किसान अक्सर नीलगाय के खेत में जाने से फसल की क्षति होने की बात कहते हैं। इससे किसानों की लाखों रुपये का नुकसान होता है। ऐसे में अब बिहार में मुखिया को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी मुखिया से अनुमति लेकर नीलगायों और सुअरों को पकड़ने का इंतजाम सुनिश्चित करेंगे।

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